राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा में अनुष्ठान कर रहे प्रमुख यजमान डॉ अनिल मिश्रा कौन हैं?
क्या है खबर?
अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इसके लिए 16 जनवरी से 7 दिवसीय अनुष्ठान जारी है और काशी के वैदिक विद्वानों की देखरेख में मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान चल रहा है।
इसी बीच राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करने के लिए राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा प्रमुख यजमान की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
आइए जानते हैं कि प्रमुख यजमान डॉ मिश्रा कौन हैं।
जन्म
डॉ मिश्रा का अंबेडकर नगर में हुआ जन्म
डॉ मिश्रा का जन्म 1958 में अंबेडकरनगर जिले के पतौना गांव में हुआ था। वह वर्तमान में मंदिर ट्रस्ट के सदस्य हैं।
उन्होंने 1981 में ब्रिज किशोर होम्योपैथिक कॉलेज से बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (BHMS) की डिग्री भी हासिल की।
वह सुल्तानपुर और गोंडा जैसे जिलों में होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी के रूप में अपने सेवाएं दे चुके हैं। उनका परिवार गोंडा जिले के महबूबपुर गांव में रहता है और वह 2017 में सेवानिवृत्त हुए थे।
RSS
डॉ मिश्रा ने RSS में लंबे समय तक किया है काम
डॉ मिश्रा लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हैं। पूर्व में उन्होंने संघ में सह प्रांत कार्यवाहक के बाद अयोध्या के प्रांत कार्यवाहक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन भी किया है।
उन्हें संघ के कामों में कर्मठ, ईमानदार और जिम्मेदार स्वयंसेवक के रूप में देखा जाता है। उन्होंने RSS के सक्रिय सदस्य के रूप में आपातकाल का विरोध किया था।
उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है।
काम
सेवानिवृत्ति के बाद संघ के कामों में समर्पित हैं डॉ मिश्रा
डॉ मिश्रा नौकरी के अंतिम दौर में उत्तर प्रदेश होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार पद का दायित्व भी निभाया था।
राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहने और सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने पूर्ण रूप से खुद को संघ के कार्यों के लिए समर्पित कर दिया है।
2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जब राम जन्मभूमि ट्रस्ट का गठन हुआ तो डॉ मिश्रा इसमें सदस्य बने और वरिष्ठ सदस्य के तौर पर मंदिर निर्माण में सक्रिय कार्य में लगे हैं।
मंदिर
डॉ मिश्रा अपनी पत्नी के साथ कर रहे हैं सभी अनुष्ठान
16 जनवरी से डॉ मिश्रा सपत्नीक बतौर मुख्य यजमान प्राण प्रतिष्ठा के सभी अनुष्ठान निभा रहे हैं। मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त काशी के प्रख्यात वैदिक आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने तय किया है।
इन सभी अनुष्ठानों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में 22 जनवरी 12:20 बजे प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान आरंभ होगा और यह पूजा करीब 40 मिनट तक चलेगी।
23 जनवरी से मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा।