LOADING...
वायुसेना से रिटायर हुए मिग-21 विमानों के साथ आगे क्या होगा, क्या कबाड़ में बेचे जाएंगे? 
वायुसेना से आज मिग-21 विमानों की विदाई हो गई है

वायुसेना से रिटायर हुए मिग-21 विमानों के साथ आगे क्या होगा, क्या कबाड़ में बेचे जाएंगे? 

लेखन आबिद खान
Sep 26, 2025
04:50 pm

क्या है खबर?

भारतीय वायुसेना में 62 साल तक अपनी सेवाएं देने के बाद आज मिग-21 विमानों को सेवानिवृत्त कर दिया गया है। चंडीगढ़ में वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने ने 23 स्क्वाड्रन के 6 विमानों के साथ आखिरी उड़ान भरी। ये विमान 1963 में चंडीगढ़ से ही वायुसेना में शामिल हुए थे। इसी के साथ मिग विमानों की वायुसेना से आधिकारिक विदाई हो गई है। आइए जानते हैं कि अब इन विमानों के साथ क्या किया जाएगा।

कबाड़

क्या कबाड़ में जाएंगे विमान?

आमतौर पर विमान को सेवामुक्त करने के बाद सबसे पहले उसका विश्लेषण कर यह तय किया जाता है कि उसके साथ क्या किया जाए। ज्यादातर मामलों में विमान के पुर्जे अलग कर दिए जाते हैं और बाहरी बॉडी को अलग कर कबाड़ में बेच दिया जाता है। इससे पहले विमान के अंदर के उपकरण जैसे रडार, सेंसर, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक सूट, कॉकपिट इलेक्ट्रॉनिक्स को सावधानीपूर्वक निकाल लिया जाता है। कुछ मामलों में इन्हें दोबारा इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

अन्य विकल्प

कबाड़ में बेचने के अलावा ये भी हैं विकल्प

जरूरी नहीं कि सभी विमानों को कबाड़ में ही बदला जाए। इन्हें संग्रहालयों में प्रदर्शित किया जा सकता है, शैक्षिक संस्थानों को दिया जा सकता है या प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। विमान के कलपुर्जे इंजीनियरिंग कॉलेजों को भी दिए जा सकते हैं। आपने किसी सैन्य संस्थान, विश्वविद्यालय या सरकारी परिसर में ऐसे विमान देखे होंगे। यानी पुर्जे निकालने के बाद इन्हें प्रदर्शन के लिए भी रखा जाता है।

ट्रेनिंग

प्रशिक्षण के लिए भी होता है इस्तेमाल

इन विमानों का इस्तेमाल पायलटों को युद्ध स्थितियों का प्रशिक्षण देने के लिए भी किया जाता है। पायलटों को इनसे लक्ष्य पर हमला करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भी अमेरिका ने कई सेवानिवृत्त लड़ाकू विमानों को ड्रोन में बदलकर उन्हें पायलट अभ्यास के लिए इस्तेमाल किया था। अमेरिका F-4 फैंटम II, F-16 फाइटिंग फाल्कन और F-102 डेल्टा डार्ट जैसे विमानों का इस तरह इस्तेमाल कर चुका है।

मिग-21

अब तक सेवानिवृत्त हुए मिग-21 विमानों के साथ क्या किया गया?

अब तक सेवानिवृत्त हुए सभी मिग-21 विमानों को प्रदर्शन के लिए रखा गया है। एक मिग-21 चंडीगढ़ स्थित वायुसेना के हेरिटेज म्यूजियम में है। एक मिग-21 दिल्ली के वायुसेना म्यूजियम और पालम एयर फोर्स स्टेशन के बाहर, एक कोलकाता के निको पार्क सॉल्ट लेक के पास, एक ओडिशा के बिजू पटनायक एरोनॉटिक्स म्यूजियम में, एक दिल्ली के राष्ट्रपति भवन म्यूजियम में, एक प्रयागराज के चंद्रशेखर पार्क, एक बेंगलुरु के HAL हेरिटेज सेंटर और एयरोस्पेस म्यूजियम में रखा गया है।

आज वाले विमान

आज सेवानिवृत्त हुए विमानों के साथ क्या होगा?

आज रिटायर हुए विमानों में मिग-21 के आखिरी 2 स्क्वाड्रन- नंबर 23 (पैंथर्स) और नंबर 3 (कोब्रास) के विमान थे। इन्हें चंडीगढ़ से राजस्थान के नाल एयरबेस ले जाया जाएगा। फिर विस्तृत जांच के बाद जो पार्ट्स ठीक हैं और इस्तेमाल हो सकते हैं, उन्हें निकाल लिया जाएगा और बाकी को कबाड़ कर दिया जाएगा। नंबर 3 स्क्वाड्रन कोबरा और नंबर 23 स्क्वाड्रन पैंथर्स को नंबर प्लेटेड किया जाएगा। यानी इन स्क्वाड्रनों के नंबर और उनकी विरासत को सहेजा जाएगा।