क्या है तेलंगाना सरकार की नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति की विशेषता और इससे क्या होगा फायदा?
तेलंगाना सरकार ने राज्य में स्वच्छ वायु, पर्यावरण स्थिरता और ऊर्जा दक्षता के लिए अपने प्रयास के तहत रविवार को एक नई इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति पेश की है। इस नीति के पीछे सरकार का बड़ा उद्देश्य अपने राज्य को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की स्थिति से बचाना हैं, जहां की वायु प्रदूषण के कारण हवा जहरीली हो चुकी है। ऐसे में आइए जानते हैं तेलंगाना की EV नीति की विशेषता क्या है और इससे क्या लाभ होगा।
परिवहन मंत्री पूनम प्रभाकर ने नई EV नीति की घोषणा
तेलंगाना के परिवहन मंत्री पूनम प्रभाकर ने नई EV नीति की घोषणा करते हुए कहा, "हैदराबाद और तेलंगाना के अन्य स्थानों को नई दिल्ली जैसी गंभीर प्रदूषण समस्याओं का सामना नहीं करना चाहिए। राज्य की हित वाली यह नीति सोमवार से लागू हो जाएगी।" उन्होंने कहा, "नई EV नीति का उद्देश्य तेलंगाना में खास तौर पर हैदराबाद और उसके आसपास वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है।"
क्या है नई EV नीति की विशेषता?
सरकार ने नई EV नीति के तहत 31 दिसंबर, 2026 तक आगामी दो वर्षों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क से 100 प्रतिशत छूट देने की घोषणा की है। सरकार ने पहले 5,000 इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कर छूट की पिछली सीमा को भी हटा दिया है और नई नीति के अनुसार कर छूट के साथ पंजीकृत किए जाने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या की कोई सीमा भी निर्धारित नहीं की है।
इन वाहनों की खरीद पर मिलेगी छूट
सरकारी आदेश के अनुसार, छूट प्राप्त EV में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) और उसके बाहर के क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन, चार पहिया वाणिज्यिक यात्री वाहन (टैक्सी और पर्यटक कैब), निजी इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहन और इलेक्ट्रिक थ्री-सीटर ऑटो रिक्शा शामिल हैं। छूट को इलेक्ट्रिक लाइट गुड्स कैरियर्स तक भी बढ़ाया गया है, जिसमें तीन पहिया वाणिज्यिक वाहन, इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और इलेक्ट्रिक बसें भी शामिल हैं। इससे EV की खरीद को बढ़ावा मिल सकेगा।
EV की खरीद पर कितना होगा फायदा?
वाहन चालक अब नई EV कार खरीदते समय 2 लाख रुपये तक की बचत कर सकेंगे। उदाहरण के लिए 10 लाख रुपये तक की EV कार खरीदने पर पंजीकरण शुल्क के रूप में उन्हें 1.90 लाख रुपये की बचत होगी क्योंकि राज्य में परिवहन विभाग ने निजी वाहनों के लिए 19 प्रतिशत पंजीकरण शुल्क निर्धारित कर रखा है। इसी तरह EV दोपहिया वाहन की खरीद पर लोग कीमतों के अनुसार 12,000 से 24,000 तक की बचत कर सकेंगे।
सरकार EV को बढ़ावा देने के लिए क्या प्रयास करेगी?
परिवहन मंत्री प्रभाकर ने बताया कि सरकार शहरों और कस्बों के साथ-साथ राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर अधिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के साथ मिलकर काम करेगी। राज्य सरकार 15 साल से पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की नीति भी लाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने बताया कि GHMC क्षेत्र में राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा संचालित लगभग 3,000 बसों को भी चरणवार इलेक्ट्रिक बसों से बदला जाएगा।
परिवहन मंत्री ने लोगों से की EV खरीदने की अपील
परिवहन मंत्री प्रभाकर ने कहा कि सरकार ने EV नीति को हर तबके को ध्यान में रखते हुए बनाया है। ऐसे में नए वाहन खरीदने की योजना बना रहे लोगों से अपील की कि वे EV ही चुनें, ताकि प्रदूषण कम करने और पर्यावरण को बचाने में वह सरकार के भागीदार बन सके। बता दें कि मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार हरित राज्य में स्वच्छ हवा और प्रदूषण से मुक्ति पर जोर दे रही है।