#NewsBytesExplainer: कितना ताकतवर होता है राजनयिक पासपोर्ट, जिसका इस्तेमाल कर जर्मनी गए प्रज्वल रेवन्ना?
क्या है खबर?
अश्लील वीडियो मामले में घिरे पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते और हासन से जनता दल सेक्युलर (JDS) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना जर्मनी भाग गए हैं। बताया जा रहा है कि मामला सामने आने के बाद वे बेंगलुरु से जर्मनी चले गए हैं।
विदेश मंत्रालय ने बताया है कि जर्मनी जाने के लिए रेवन्ना ने राजनयिक पासपोर्ट का इस्तेमाल किया है।
आइए जानते हैं कि ये राजनयिक पासपोर्ट क्या होता है।
राजनयिक पासपोर्ट
क्या होता है राजनयिक पासपोर्ट?
अगर दिखावट की बात करें तो राजनयिक पासपोर्ट भूरे रंग का होता है, जबकि आम पासपोर्ट नीले रंग का होता है।
व्यस्कों के लिए आम पासपोर्ट की वैधता 10 साल की होती है, जबकि राजनयिक पासपोर्ट आमतौर पर 5 साल के लिए वैध होता है।
हालांकि, इसकी वैधता अवधि कम-ज्यादा भी हो सकती है। इसमें 28 पन्ने होते हैं और इसे आम भाषा में 'टाइप D' पासपोर्ट भी कहा जाता है।
किन्हें मिलता है
किसे मिलता है राजयनिक पासपोर्ट?
विदेश मंत्रालय का कांसुलर, पासपोर्ट और वीजा प्रभाग आम तौर पर 5 श्रेणियों में आने वाले लोगों को राजनयिक पासपोर्ट जारी करता है।
पहला- राजनयिक दर्जा रखने वाले लोग, दूसरा- आधिकारिक काम के लिए विदेश जा रहे भारत सरकार द्वारा नियुक्त व्यक्ति, तीसरा- भारतीय विदेश सेवा (IFS) की शाखा A और B के अधिकारी, चौथा- विदेश मंत्रालय और IFS अधिकारियों के रिश्तेदार और तत्काल परिवार और पांचवां- सरकार की ओर से आधिकारिक यात्रा करने वाले व्यक्ति।
सांसद
क्या सांसदों को मिलता है राजनयिक पासपोर्ट?
हां। राजनयिक पासपोर्ट उन्हें भी जारी किए जाते हैं, जो सरकार की ओर से आधिकारिक यात्रा करने के लिए अधिकृत हैं। इसमें केंद्रीय मंत्री और सांसद शामिल हैं, जो अक्सर सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए विदेश यात्रा करते हैं।
इन पासपोर्टों की वैधता सांसद के कार्यकाल के समान होती है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जब संसद से अयोग्य घोषित किया गया था तो उन्होंने अपना राजनयिक पासपोर्ट जमा करवा दिया था।
ताकत
कितना ताकतवर होता है राजनयिक पासपोर्ट?
राजनयिक पासपोर्ट धारकों को विदेशों में कई छूट मिलती हैं। इसमें मेजबान देश में गिरफ्तारी, हिरासत और कुछ कानूनी कार्यवाही से छूट भी शामिल है।
इन लोगों को विदेशों में भारतीय दूतावास, वाणिज्य दूतावास और राजनियक मिशनों तक पहुंच मिलती है। अगर किसी के पास राजनयिक पासपोर्ट है तो ज्यादातर देशों में उसे वीजा की जरूरत नहीं पड़ती। अगर वीजा जरूरी होता है तो भी इसकी प्रक्रिया काफी तेज होती है।
वीजा
रेवन्ना को जर्मनी जाने के लिए वीजा की जरूरत क्यों नहीं पड़ी?
आमतौर पर विदेश मंत्रालय किसी आधिकारिक यात्रा के लिए सरकारी अधिकारियों को वीजा नोट जारी करता है, लेकिन प्रज्वल के मामले में ऐसा कोई नोट जारी नहीं किया गया।
दरअसल, जर्मनी उन 34 देशों में से है, जिनके साथ भारत ने राजनयिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा छूट समझौते किया हुआ है। 2011 में हुए इस समझौते के अनुसार भारतीय राजनयिक पासपोर्ट धारकों को जर्मनी जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं है।
रद्द
राजनयिक पासपोर्ट को कब और कौन रद्द कर सकता है?
कानूनों के मुताबिक, पासपोर्ट प्राधिकरण कई वजहों से राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर सकता है।
इनमें गलत तरीके से पासपोर्ट लेने, कोई जरूरी जानकारी छिपाकर इसे हासिल करने या भारत की संप्रभुता और अखंडता या किसी देश के साथ भारत के संबंधों के हित को देखते हुए रद्द किया जा सकता है।
हालांकि, रेवन्ना के मामले में कोर्ट के आदेश के बाद ही उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द किया जा सकता है।
मामला
क्या है प्रज्वल रेवन्ना से जुड़ा वीडियो वाला मामला?
हाल ही में रेवन्ना के 2,000 से भी ज्यादा अश्लील वीडियो सामने आए थे। इनमें से कई वीडियो में तो वह महिलाओं की मर्जी के बिना उनके साथ संबंध बनाते और इसे फिल्माते हुए नजर आ रहे हैं।
महिला आयोग के पत्र के आधार पर मामले की जांच SIT कर रही है। इस बीच रेवन्ना अपने राजनयिक पासपोर्ट के जरिए जर्मनी भाग गए हैं और उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।