
दिल्ली में आवारा कुत्तों को माइक्रोचिप लगाने की योजना, कैसे काम करेगी और क्या होगा फायदा?
क्या है खबर?
दिल्ली में आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक को रोकने के लिए भाजपा नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार अगले 2 साल में 10 लाख कुत्तों को माइक्रोचिप लगाएगी। यह फैसला दिल्ली पशु कल्याण बोर्ड की बैठक में लिया गया, जिसमें पशुपालन विभाग, दिल्ली नगर निगम और अन्य एजेंसियों के अधिकारी शामिल थे। दिल्ली सरकार इस योजना को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के सहयोग से चलाएगी। क्या है ये योजना और कैसे काम करेगी? आइए जानते हैं।
योजना
पहले जानिए, योजना क्या है?
योजना के तहत दिल्ली में आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित किया जाएगा। करीब 10 लाख कुत्तों में न केवल माइक्रोचिप लगाई जाएगी, बल्कि उनकी गणना, डिजिटल वैक्सीनेशन ट्रैकिंग, पालतू दुकान और ब्रीडिंग सेंटर्स का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन, अवैध दुकानों पर कार्रवाई, वार्डों में आवारा कुत्तों के लिए डेजिग्नेटेड फीडिंग पॉइंट्स, रैबीज के खिलाफ स्टेट प्लान और जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। पूरे काम में संभवत: 900 करोड़ रुपये खर्च होगा। दिल्ली सरकार का लक्ष्य इसे 2027 तक पूरा करने का होगा।
चिप
कुत्तों में कहां और कैसे लगेगी चिप?
माइक्रोचिप छोटा रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFI) चिप है, जो अमूमन चावल के दाने के आकार का होता है। इसे एक विशेष सिरिंज से कुत्तों की त्वचा के नीचे, जिसे कंधे के बीच या गर्दन के पीछे वाले हिस्से में लगाया जाता है। यह जगह सुरक्षित होती है। इसमें एनेस्थीसिया की जरूरत नहीं होती और यह दर्दरहित होती है। चिप लगाने में 2-5 मिनट लगते हैं। चिप एक अनोखा 15-अंक का कोड देती है, जिसे RFI स्कैनर से पढ़ते हैं।
माइक्रोचिप
कुत्तों में लगा माइक्रोचिप कैसे काम करेगा?
माइक्रोचिप की सहायता से कुत्तों को ट्रैक किया जा सकेगा, जिससे उसे पकड़ना आसान होगा। माइक्रोचिप कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने, डुप्लिकेट टीकाकरण रोकने और सही आंकड़े देने में मदद करेगा। माइक्रोचिप से टीकाकरण की हिस्ट्री जांची जा सकेगी, जिससे रैबीज के बढ़ते मामले रोके जा सकेंगे। कुत्तों को खोजना आसान होगा। अभी दिल्ली नगर निगमों ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 500 आवारा कुत्तों के लिए 3.23 करोड़ की निविदा जारी की है।
जानकारी
पालतू जानवरों के लिए क्या होगी व्यवस्था?
दिल्ली में पालतू जानवरों के लिए भी व्यवस्था की गई है। पालतू जानवरों के मालिकों को कुत्ते का लाइसेंस लेते समय माइक्रोचिपिंग और एंटी-रेबीज वैक्सीनेशन (ARV) प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। अनुपालन न करने पर 3,000 का जुर्माना लगेगा। यह अक्टूबर से लागू होगा।