
#NewsBytesExplainer: आपके राज्य में कब होगी जनगणना, क्या-क्या सवाल पूछे जाएंगे? जानें सभी बातें
क्या है खबर?
देश में 16 साल बाद आखिरकार जनगणना होने जा रही है। गृह मंत्रालय ने अगली जनगणना को लेकर अहम जानकारी दी है।
मंत्रालय ने कहा कि देश में जनगणना 2 चरणों में कराई जाएगी। पहला चरण 1 अक्टूबर, 2026 से शुरू होगा, वहीं दूसरे चरण की शुरुआत 1 मार्च, 2027 से होगी।
इस दौरान देश में पहली बार जातिगत जनगणना भी होगी।
आइए आज जनगणना से जुड़े सवालों के जवाब जानते हैं।
चरण
कब-कहां होगी जनगणना?
पहले चरण में 4 पहाड़ी राज्यों- हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में जनगणना की जाएगी।
वहीं, बाकी राज्यों में मार्च, 2027 से जनगणना होगी।
बता दें कि देश में आखिरी जनगणना 2011 में हुई थी। इसे भी 2 चरण में पूरा किया गया था। पहला चरण 1 अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 तक चला था, जिसमें मकानों की गिनती की गई थी।
दूसरा चरण 9 फरवरी से 28 फरवरी, 2011 तक चला था, जिसमें लोगों की गिनती हुई थी।
तरीकाभा
कैसे की जाएगी जनगणना?
जनगणना 2 चरणों में होती है। पहले मकानों की गिनती फिर लोगों की गिनती।
पहले चरण में घर से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं जैसे- घर में कितने लोग रहते हैं, घर पक्का है या कच्चा, दीवारें कैसी बनी हैं, छत किस तरह की है, शौचालय है या नहीं, है तो किस तरह का है आदि।
दूसरे चरण में हर व्यक्ति का नाम, लिंग, जन्म तिथि, माता-पिता का नाम, वैवाहिक स्थिति जैसी जानकारी मांगी जाती है।
सवाल
जनगणना के दौरान क्या-क्या सवाल पूछे जाएंगे?
2011 की जनगणना के लिए जिस फॉर्म में जानकारी भरी गई थी, उसमें 29 कॉलम थे। इनमें नाम, पता, व्यवसाय, शिक्षा, रोजगार, परिवार में मुखिया कौन है और उससे संबंध क्या है, दिव्यांगता, भाषा समेत कई जानकारी दर्ज की जाती थी।
तब केवल अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय की जानकारी ही भरी जाती थी। हालांकि, अब अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की गिनती भी होगी, इसलिए नए कॉलम जोड़े जा सकते हैं।
खास
पिछली जनगणनाओं से कितनी अलग होगी इस बार की जनगणना?
इस बार जातिगत जनगणना भी होगी। इसलिए सबसे बड़ा अंतर जाति से जुड़े सवालों का होगा।
जनगणना के दौरान लोगों से धर्म भी पूछा जाएगा, जिसके लिए फॉर्म में मुख्यतः 6 धर्मों (हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन) के विकल्प दिए गए हैं। 2011 की जनगणना के दौरान हर धर्म के लिए कोड थे।
लोगों से टीवी और इंटरनेट कनेक्शन, स्मार्टफोन, लैपटॉप, कंप्यूटर जैसे उपकरणों के बारे में पूछा जाएगा।
दिव्यांग लोगों से दिव्यांगता का कारण भी पूछा जाएगा।
जातिगत जनगणना
क्या होती है जातिगत जनगणना?
जातिगत जनगणना का मतलब है कि जनगणना के दौरान जाति से जुड़े आंकड़े इकट्ठा करना।
अभी जो जनगणना होती है, उसमें कुल जनसंख्या के साथ SC और ST समुदाय के आंकड़े जुटाए जाते हैं। अब OBC समुदाय के आंकड़े भी जुटाए जाएंगे।
आखिरी जातिगत जनगणना 1941 में हुई थी, लेकिन इसके आंकड़े जारी नहीं किए गए।
इससे पहले बिहार समेत कई राज्य अपने-अपने स्तर पर जातिगत सर्वे करा चुके हैं।
कर्मचारी
करीब 30 लाख कर्मचारी करेंगे जनगणना
रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 30 लाख गणनाकर्ताओं और पर्यवेक्षकों को जनगणना के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये घर-घर जाकर जनगणना करेंगे।
इस पूरी प्रक्रिया पर लगभग 13,000 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है।
इस बार जनगणना मोबाइल ऐप और पोर्टल के जरिए की जाएगी। इसे देश की पहली डिजिटल जनगणना कहा जा रहा है।
इसके अलावा जनगणना करने वाले कर्मचारियों का मानदेय और ट्रेनिंग भत्ता सीधे उनके खाते में दिया जाएगा।