
#NewsBytesExplainer: CCPA को क्यों कहते हैं 'सुपर कैबिनेट' और इसका क्या काम होता है?
क्या है खबर?
पहलगाम हमले के बाद से ही नई दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठकों का दौर जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की बैठक की। हमले के बाद ये दूसरी बार है, जब CCS की बैठक हुई है।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने राजनीतिक मामलों की संसदीय समिति (CCPA) की बैठक करेंगे। इसे 'सुपर कैबिनेट' भी कहा जाता है।
आइए CCPA से जुड़ी अहम बातें जानते हैं।
CCPA
क्या होती है CCPA?
CCPA को 'सुपर कैबिनेट' भी कहते हैं। यह देश के राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों की समीक्षा करती है और इन पर फैसले लेती है।
ऐसे मामलों में CCPA की भूमिका काफी अहम होती है, जहां केंद्र और राज्यों के बीच आपसी सहमति बनाने की जरूरत होती है।
यह केंद्र और राज्य संबंधों से जुड़ी समस्याओं को निपटाने का काम करती है और उन आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर विचार करती है, जिसका निर्णय व्यापक परिप्रेक्ष्य के साथ लिया जाता है।
सदस्य
कौन-कौन होता है CCPA का सदस्य?
ऐसी समितियों के गठन के वक्त इनके सदस्यों का ऐलान किया जाता है। फिलहाल प्रधानमंत्री मोदी CCPA के अध्यक्ष हैं।
उनके अलावा इस समिति में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, सड़क परिवहन और यातायात मंत्री, वित्त मंत्री, वाणिज्य मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, नागरिक उड्डयन मंत्री, MSME मंत्री, शिपिंग मंत्री, पर्यावरण मंत्री, महिला और बाल कल्याण मंत्री, संसदीय कार्य मंत्री और कोयला मंत्री शामिल हैं।
आमतौर पर इस समिति में वरिष्ठ मंत्री ही शामिल होते हैं।
काम
समिति का क्या काम होता है?
देश के महत्वपूर्ण राजनीतिक और आर्थिक मामलों पर चर्चा के लिए CCPA बैठक बुलाती है।
यह मुख्य रूप से केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय पर ध्यान केंद्रित करती है।
CCPA विदेश नीति के उन मामलों पर भी विचार विमर्श करती है, जो देश की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं।
इसके अलावा राजनीति को प्रभावित करने वाली आर्थिक नीतियों और आंतरिक सुरक्षा के मामलों पर भी इसमें चर्चा होती है।
बैठक
पुलवामा हमले के बाद हुई थी CCPA की बैठक
CCPA की आखिरी बैठक 2019 में हुई थी। तब पुलवामा हमले के बाद जवाबी रणनीति बनाने के लिए बैठक बुलाई गई थी।
इस बैठक में पाकिस्तान को दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस लेने पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके बाद 26 फरवरी, 2019 को भारतीय वायु सेना ने बालाकोट में आतंकी शिविरों पर हवाई हमला किया था।
बता दें कि पुलवामा हमले में 40 जवान शहीद हुए थे।
हमला
पहलगाम हमले में मारे गए थे 26 लोग
22 अप्रैल को पहलगाम की बाइसरन घाटी में 4 आतंकवादियों ने गोलीबारी की थी। यह हमला उस समय हुआ जब पर्यटक खच्चर की सवारी का आनंद ले रहे थे। इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई।
इस हमले से पूरा देश स्तब्ध है तथा भारत और विदेशों में इसकी कड़ी निंदा की है।
यह देश में पिछले 2 दशकों में हुए सबसे घातक नागरिक हमलों में से एक है। सुरक्षा बल आतंकियों की तलाश में जुटे हैं।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
संसदीय समितियां 2 तरह की होती हैं- स्थायी समिति और एड हॉक या तदर्भ समिति।
एड हॉक समिति का गठन कुछ खास कामों के लिए किया जाता है और एक बार जब ये काम पूरा हो जाता है तो इन समितियों को भंग कर दिया जाता है। वहीं, स्थायी समिति विशेष खासतौर पर मंत्रालय के लिए होती हैं।
कुल 24 स्थायी समितियां होती हैं, जिनमें से 16 लोकसभा और 8 राज्यसभा के द्वारा संचालित होती हैं।