कानपुर में आजादी की लड़ाई का गवाह रहा 150 साल पुराना पुल गंगा नदी में गिरा
उत्तर प्रदेश के कानपुर में 150 साल पुराने पुल का एक हिस्सा मंगलवार को भरभराकर गंगा नदी में गिर गया। ये पुल कानपुर को लखनऊ से जोड़ता था। मंगलवार को पुल का करीब 80 फीट हिस्सा नदी में गिरा है। कानपुर प्रशासन ने 4 साल पहले ही पुल पर आवाजाही बंद कर दी थी। आजादी के समय से जुड़ा होने के कारण इस पुल का ऐतिहासिक महत्व था, जिस कारण इसके रखरखाव पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे थे।
आजादी की लड़ाई का गवाह रहा है पुल
कानपुर से लखनऊ जाने के लिए यही एकमात्र रास्ता हुआ करता था। इसके ऊपर वाहन चलते थे और नीचे के रास्ते पर साइकिल और पैदल चलने वाले गुजरते थे। आजादी की लड़ाई के समय जब क्रांतिकारी गंगा को पार कर रहे थे, तभी अंग्रेजों ने पुल से उनके ऊपर गोलियां चलाई थीं। पुल को 1875 में ईस्ट इंडिया कंपनी के इंजीनियरों ने किया था। 1.38 किलोमीटर लंबे और 12 मीटर चौड़े पुल को बनाने में 7 साल लगे थे।
पुल का क्षतिग्रस्त हिस्सा
IIT कानपुर ने भी दी थी रिपोर्ट
पुल से रोजाना 1.38 लाख लोग गुजरते थे। पुल बंद होने से कानपुर से शुक्लागंज जाने वाले लोगों को दिक्कत हुई थी। उन्होंने इसे खोलने के लिए काफी मांग उठाई। हालांकि, IIT कानपुर ने भी इसे जर्जर घोषित कर इसे न खोलने को कहा था।