उत्तर प्रदेश: पूर्व सांसद धनंजय सिंह को अपहरण-रंगदारी के मामले में 7 साल की सजा
उत्तर प्रदेश के जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को इंजीनियर के अपहरण और रंगदारी के मामले में 7 साल की सजा सुनाई गई है। मंगलवार को सांसद-विधायक कोर्ट ने धनंजय और उनके साथी संतोष विक्रम सिंह को मामले में दोषी करार दिया था। कोर्ट ने पूर्व सांसद पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ शरद चंद्र त्रिपाठी के फैसले के बाद कोर्ट से ही दोनों दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
धनंजय के लोकसभा चुनाव लड़ने पर लगा ग्रहण
धनंजय सिंह को 7 साल की सजा सुनाए जाने के बाद अब उनके लोकसभा चुनाव लड़ने पर लगभग रोक लग गई है। वह जौनपुर से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। सजा के ऐलान के बाद उनके समर्थकों में भी मायूसी छा गई है। धनंजय ने समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव से भी मुलाकात की थी। फैसला सुनाए जाने के बाद धनंजय के वकील ने बताया कि वह हाई कोर्ट में अपील करेंगे।
क्या है पूरा मामला?
10 मई, 2020 को नमामि गंगे परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने लाइन बाजार थाने में धनंजय और संतोष के खिलाफ अपहरण, रंगदारी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। शिकायत में सिंघल ने बताया कि धनंजय ने साथियों के साथ उनका अपहरण किया और कम गुणवत्ता वाली सामग्री आपूर्ति करने का दबाव डाला। इसके साथ ही रंगदारी मांगी। शिकायत के बाद धनंजय को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें हाई कोर्ट से जमानत मिली थी।