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भारत के पास होंगी जैवलिन मिसाइलें और एक्सकैलिबर तोपें, अमेरिका ने रक्षा सौंदों को मंजूरी दी
अमेरिका और भारत के बीच 824 करोड़ रुपये से अधिक का रक्षा सौदा

भारत के पास होंगी जैवलिन मिसाइलें और एक्सकैलिबर तोपें, अमेरिका ने रक्षा सौंदों को मंजूरी दी

लेखन गजेंद्र
Nov 20, 2025
09:31 am

क्या है खबर?

अमेरिका ने बुधवार को भारत के साथ 93 करोड़ डॉलर (करीब 824 करोड़ रुपये) के 2 प्रमुख सैन्य हथियारों की बिक्री को मंजूरी दे दी है। इससे भारत के लिए जैवलिन एंटी टैंक मिसाइलों और एक्सकैलिबर प्रिसिजन-गाइडेड आर्टिलरी राउंड्स की नई खेप मिलने का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) ने इस संबंध में एक अधिसूचना भी जारी कर दी है। जल्द ही इनकी डिलीवरी की जाएगी।

सौदा

रक्षा सौदे में क्या है?

DSCA के मुताबिक, अमेरिकी विदेश विभाग ने 47.1 करोड़ डॉलर (करीब 405 करोड़ रुपये) की अनुमानित लागत से जैवलिन मिसाइल सिस्टम और संबंधित उपकरणों की संभावित बिक्री को मंजूरी दी है। भारत ने 100 FGM-148 जैवलिन राउंड, एक जैवलिन FGM-148 मिसाइल (फ्लाई-टू-बाय), 25 कमांड लॉन्च यूनिट, मिसाइल सिमुलेशन राउंड, स्पेयर पार्ट्स और लाइफसाइकल सपोर्ट की मांग की थी। DSCA ने प्रस्तावित स्थानांतरणों के बारे में कांग्रेस को औपचारिक रूप से सूचित कर दिया है।

खासियत

कितनी खास है जैवलिन मिसाइल?

जैवलिन मिसाइल ने कई युद्ध क्षेत्रों में अपना लोहा मनवाया है। यूक्रेन युद्ध के दौरान रूसी टी-72 और टी-90 टैंकों को इसी से नष्ट किया गया था। यह हथियार यूक्रेन समेत दुनियाभर की कई सेनाओं के पास है। कंधे से दागे जाने वाले टैंक-रोधी हथियारों में शामिल जैवलिन तीसरी पीढ़ी का शीर्ष-आक्रमण प्रणाली है। इसे ऊपर से वाहनों पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। सॉफ्ट-लॉन्च तंत्र के कारण इसे बंकरों जैसे बंद स्थानों से दाग सकते हैं।

असर

बुनियादी सैन्य संतुलन पर कोई असर नही पड़ेगा- DSCA

DSCA ने अपनी अधिसूचना में कहा है इस उपकरण और सहायता की प्रस्तावित बिक्री से क्षेत्र में बुनियादी सैन्य संतुलन में कोई बदलाव नहीं आएगा। हथियारों की बिक्री से सटीक क्षमता वाले उपकरण उपलब्ध कराकर वर्तमान और भविष्य के खतरों से निपटने की भारत की क्षमता में सुधार होगा, जिससे उसकी ब्रिगेडों में पहले हमले की सटीकता बढ़ेगी। अमेरिकी सरकार का कहना है कि उसे इस बिक्री से जुड़ी किसी भी ऑफसेट व्यवस्था की जानकारी नहीं है।

सेवा

अतिरिक्त सेवाओं की भी मांग

भारत ने अमेरिका से हथियारों की आपूर्ति के साथ कुछ अतिरिक्त सेवाएं भी मांगी हैं, जिसमें लाइफसाइकल सपोर्ट, सुरक्षा निरीक्षण, ऑपरेटर और तकनीकी स्टाफ की ट्रेनिंग, लॉन्च सिस्टम की रिफर्बिशमेंट और फुल ऑपरेशनल कैपेबिलिटी के लिए तकनीक भी शामिल है। एक्सकैलिबर प्रिसिशन आर्टिलरी राउंड्स 155एमए के आर्टिलरी राउंड GPS-गाइडेड बताए जा रहे हैं, जो लंबी दूरी पर भी सटीकता प्रदान करते हैं। इनको पहाड़ी, सीमावर्ती और शहरी क्षेत्रों में काफी प्रभावी माना जाता है।