कुलदीप सेंगर को CBI और पीड़िता के विरोध के बावजूद 4 बार मिली अंतरिम जमानत
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के आरोपी और पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। कोर्ट ने सेंगर की सजा भी निलंबित कर दी थी। इस फैसले के खिलाफ आज दिल्ली हाई कोर्ट के सामने सैकड़ों लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। अब सामने आया है कि सेंगर को पहले भी पीड़िता और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के विरोध के बावजूद अंतरिम जमानत मिली थी।
जमानत
3 साल में 4 बार अंतरिम जमानत पर बाहर आया सेंगर
सेंगर बीते 3 साल में 4 बार अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आया। सेंगर ने इसी आधार पर दिल्ली हाई कोर्ट में बताया कि वह पीड़ित परिवार के लिए कोई खतरा नहीं हैं, क्योंकि उसने अंतरिम जमानत पर रहते हुए कभी भी अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं किया। सेंगर ने अंतरिम जमानत पर बाहर आने के लिए अपनी बेटी की शादी, मोतियाबिंद का ऑपरेशन और चिंता और मधुमेह जैसी बीमारियों को वजह बताया।
विरोध
CBI के विरोध के बावजूद मिली जमानत
न्यूज18 के मुताबिक, सेंगर कुल 23 दिनों के लिए अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आ चुका है। वो 27 जनवरी 2023 से 10 फरवरी 2023, 6 फरवरी 2023 से 10 फरवरी 2023, 11 दिसंबर 2024 से 20 दिसंबर 2024 और 23 दिसंबर 2024 से 24 दिसंबर 2024 तक जमानत पर बाहर था। पहली बार सेंगर को बेटी की शादी के लिए अंतरिम जमानत मिली थी। सेंगर ने दलील दी थी कि उन्हें शादी की व्यवस्थाएं करनी हैं।
अंतरिम जमानत
CBI-पीड़िता के विरोध के बाद कोर्ट ने आदेश में किया संशोधन
सेंगर को पहली अंतरिम जमानत का CBI और पीड़िता ने विरोध किया। पीड़िता ने कहा कि सेंगर के बाहर रहने के दौरान उसकी हत्या हो सकती है। इसके चलते हाई कोर्ट ने आदेश में संशोधन करते हुए सेंगर को 1 फरवरी को आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। इसके बाद सेंगर को 6 फरवरी को फिर से जेल से रिहा कर दिया गया और उन्होंने 10 फरवरी को आत्मसमर्पण कर दिया। इस दौरान बेटी की शादी 8 फरवरी को हुई।
दूसरी जमानत
2024 में सेंगर ने 5 महीने की अंतरिम जमानत मांगी थी
2024 में सेंगर ने कई स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए 5 महीने की अंतरिम जमानत मांगी। सेंगर ने मेडिकल रिपोर्ट पेश कर मधुमेह, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, उम्र से संबंधित रीढ़ की हड्डी का रोग और मोतियाबिंद समेत 8 बीमारियों का जिक्र किया। तब कोर्ट ने 5 महीने की नहीं, लेकिन 11 से 20 दिसंबर 2024 तक अंतरिम जमानत दी। इसके बाद सेंगर ने दिल्ली AIIMS में इलाज कराया। हालांकि, डॉक्टरों ने कहा कि ज्यादातर समस्याएं मामूली थीं।
AIIMS
AIIMS में सेंगर से मिलने काफी लोग आए, प्रबंधन ने चिंता जताई
AIIMS में भर्ती रहने के दौरान सेंगर से मिलने काफी लोग आए। इस पर चिकित्सा बोर्ड के सदस्य सचिव ने CBI निदेशक को पत्र लिखकर सेंगर से मिलने आने वाले लोगों की असामान्य रूप से अधिक संख्या पर चिंता व्यक्त की। पत्र में कहा गया कि इससे चिकित्सा देखभाल और अस्पताल के नियमित कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। इसके बाद दिल्ली AIIMS में ही मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए 23-24 दिसंबर 2024 को फिर सेंगर को अंतरिम जमानत मिली।
आधार
सेंगर को किस आधार पर मिली जमानत?
हाई कोर्ट ने माना कि सेंगर के खिलाफ POCSO अधिनियम की धारा 5(C) के तहत अपराध नहीं बनता है। कोर्ट ने कहा कि सेंगर को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376(2)(B) के लिए लोक सेवक श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। कोर्ट ने ये भी कहा कि पीड़िता की जान को खतरा होने को देखते हुए कोर्ट किसी व्यक्ति को इस वजह से हिरासत में नहीं रख सकते कि पुलिस या अर्धसैनिक बल अपना काम ठीक से नहीं करेंगे।