देश में स्नातकों के बीच बेरोजगारी दर घटकर 13.4 प्रतिशत पर पहुंचीं, चंडीगढ़ अव्वल- सर्वे
देश में 15 साल और उससे अधिक उम्र के स्नातकों के बीच बेरोजगारी की दर 2022-23 में घटकर 13.4 प्रतिशत रह गई है, जो पिछले साल में 14.9 प्रतिशत थी। एक ताजा सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण (PLFS) के अनुसार, 15 साल और उससे अधिक आयु के स्नातकों के बीच सबसे कम बेरोजगारी दर (5.6 प्रतिशत) चंडीगढ़ में रही, जबकि 5.7 प्रतिशत के साथ दिल्ली दूसरे स्थान पर रहा है।
अंडमान और निकोबार में सबसे अधिक बेरोजगारी दर
सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में सबसे ऊंची बेरोजगारी दर (33 प्रतिशत) अंडमान और निकोबार द्वीप में रही। इसके बाद लद्दाख और आंध्र प्रदेश में बेरोजगारी दर क्रमश: 26.5 प्रतिशत और 24 प्रतिशत दर्ज हुई। इनसे बड़े राज्यों की बात करें तो राजस्थान में बेरोजगारी दर 23.1 प्रतिशत और ओडिशा में 21.9 प्रतिशत रही है। इस सर्वे में बेरोजगारी या बेरोजगारी दर को श्रमबल में बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है।
NSSO ने जारी की छठी वार्षिक रिपोर्ट
भारत सरकार ने देश में श्रमबल के महत्व को देखते हुए राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) के माध्यम से अप्रैल, 2017 से आंकड़े जुटाने शुरू किए थे। ये संबंधित आंकड़े जुलाई, 2022 से जून, 2023 के बीच के हैं और NSSO की छठी रिपोर्ट है। इससे पहले जुलाई 2017-जून 2018, जुलाई 2018-जून 2019, जुलाई 2019-जून 2020, जुलाई 2020-जून 2021 और जुलाई 2021-जून 2022 के दौरान PLFS में एकत्र आंकड़ों के आधार पर 5 वार्षिक रिपोर्ट्स जारी हो चुकी हैं।
देश में पिछले 6 सालों में सबसे कम है बेरोजगारी दर
PLFS के आंकड़ों से पता चलता है कि देश में 15 साल और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए सामान्य स्थिति में बेरोजगारी दर 2022-23 में घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई है। इससे पहले देश में बेरोजगारी दर 2020-21 में 4.2 प्रतिशत, 2019-20 में 4.8 प्रतिशत, 2018-19 में 5.8 प्रतिशत और 2017-18 में 6 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई थी। यह भारत में सामान्य स्थिति में पिछले 6 सालों में सबसे कम बेरोजगारी दर है।
केंद्र सरकार के कई विभागों में 9.79 लाख से ज्यादा पद खाली
देश में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। दिसंबर, 2022 में केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया था कि विभिन्न विभागों में 9.79 लाख से ज्यादा पद खाली हैं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि कहा कि सरकार की ओर से सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश जारी कर खाली पदों को समय पर भरने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा था कि सरकार द्वारा रोजगार मेलों के जरिए युवाओं को सार्थक अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।