देहरादून में त्रिपुरा के छात्र की नस्लीय हमले में मौत, 5 हिरासत में; क्या-क्या हुआ?
क्या है खबर?
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में नस्लीय हिंसा का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां त्रिपुरा के रहने वाले 24 वर्षीय छात्र एंजेल चकमा की नस्लीय हमले में मौत हो गई है। एंजेल ने 17 दिन तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष किया, लेकिन अंततः दम तोड़ दिया। इस मामले में पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
शुरुआत
कब और कहां हुई घटना?
घटना 9 दिसंबर को सेलाकुई थाना क्षेत्र की है। उस दिन एंजेल अपने छोटे भाई माइकल चकमा के साथ सेलाकुई इलाके में खरीदारी करने गया था। इसी दौरान स्थानीय युवकों ने दोनों भाइयों पर नस्लीय टिप्पणियां करनी शुरू कर दीं और उन्हें 'चाइनीज' कहकर चिढ़ाने लगे। बताया जा रहा है कि स्थानीय युवक नशे में थे। दोनों भाइयों ने जब इसका विरोध किया तो आरोपियों ने धारदार हथियार से एंजेल पर हमला कर दिया।
आखिरी शब्द
एंजेल के आखिरी शब्द- हम चीनी नहीं, भारतीय हैं
रिपोर्ट के मुताबिक, एंजेल ने युवकों से कहा, "हम चीनी नहीं है, बल्कि भारतीय हैं। हमें अपनी भारतीयता साबित करने के लिए कौन सा प्रमाण पत्र दिखाना होगा।" रिपोर्ट के मुताबिक, इससे युवक भड़क गए और दोनों भाइयों पर हमला कर दिया। एजेंल की गर्दन और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई और बीच-बचाव करने आए उसके छोटे भाई माइकल भी गंभीर रूप से घायल हो गया।
आरोपी
5 गिरफ्तार, मुख्य आरोपी फरार
पुलिस ने 6 आरोपियों की पहचान की है, जिनमें से 5 को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों में 2 नाबालिग हैं। वहीं, मुख्य आरोपी यज्ञ अवस्थी फरार है। आशंका है कि वह नेपाल भाग गया है। पुलिस ने उस पर 25,000 रुपये तक का इनाम घोषित किया है। एंजेल की मौत के बाद पुलिस ने मामले में धाराएं भी बढ़ाई हैं। अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) की हत्या और सामूहिक आपराधिक मंशा से जुड़ी धाराएं भी जोड़ी गई हैं।
बयान
मुख्यमंत्री बोले- दोषियों पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और फरार चल रहे एक संदिग्ध को जल्द ही हिरासत में ले लिया जाएगा। उन्होंने कहा, "राज्य में ऐसी घटनाएं बिल्कुल अस्वीकार्य हैं और सरकार ऐसे असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटेगी। ऐसे अपराधों में शामिल आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा। लोग कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करेंगे, उन्हें किसी भी प्रकार की नरमी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।"
पुलिस
घटना के बारे में पुलिस ने क्या-क्या बताया?
देहरादून के SP प्रमोद कुमार ने कहा, "पुलिस ने CCTV फुटेज देखे और आस-पास के लोगों से जानकारी इकट्ठा की। कुल 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अविनाश नेगी, सूरज खवास और सुमित को जेल भेज दिया गया। उनमें से दो नाबालिग थे और उन्हें सुधार गृह भेज दिया गया। एंजेल की मौत के बाद हत्या का आरोप जोड़ा गया है। एक व्यक्ति (यज्ञ अवस्थी) की तलाश है, जो मूल रूप से नेपाल का रहने वाला है।"
नाराजगी
घटना पर सड़क से सोशल मीडिया तक नाराजगी
27 दिसंबर को एंजेल का शव अगरतला लाया गया। इस दौरान लोगों में आक्रोश देखने को मिला। टिपरा मोथा पार्टी के अध्यक्ष प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मा ने भी घटना पर सख्त नाराजगी जताई। पूर्वोत्तर में छात्र समूहों ने प्रदर्शन किए। घटना के विरोध में यूनिफाइड त्रिपुरा स्टूडेंट्स एसोसिएशन, देहरादून (UTSAD) ने सभी उत्तर पूर्वी छात्र संघों और यूनियनों के सहयोग से 27 दिसंबर को कैंडल मार्च का आयोजन किया।