मध्य प्रदेश: शिकारियों के साथ मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मियों की मौत, मुख्यमंत्री ने बुलाई आपात बैठक
मध्य प्रदेश के गुना जिले में बीती रात पुलिस और शिकारियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि शिकारी गुना के आरोन इलाके में पड़ने वाले जंगल में काले हिरण का शिकार करने आए थे। इसकी जानकारी मिलने पर जब पुलिसकर्मी वहां पहुंचे तो शिकारियों ने उन पर छिपकर हमला कर दिया। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की, लेकिन शिकारी बचकर भाग निकलने में कामयाब रहे।
देर रात की घटना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार देर रात आरोन थाने को सूचना मिली थी कि कुछ शिकारियों ने जंगल में काले हिरण और मोर का शिकार किया है। इसके बाद SI राजकुमार जाटव, प्रधान आरक्षक नीरज भार्गव, आरक्षक संतराम समेत सात पुलिसकर्मी वाहनों में सवार होकर जंगल की तरफ चले। इस दौरान पुलिस ने बाइक पर आए कुछ शिकारियों को पकड़ लिया था। तभी पीछे से आए अन्य शिकारियों ने अपने साथियों को छुड़वाने के लिए पुलिस पर फायरिंग कर दी।
पुलिस ने बरामद किए काले हिरण और मोर के अवशेष
जानकारी के मुताबिक, गोली लगने से SI राजकुमार जाटव, आरक्षक नीरज और संतराम की मौके पर हो मौत हो गई, जबकि तीन घायल हुए हैं। बाकी पुलिसकर्मी जब आड़ लेने के लिए छिप रहे थे, तभी शिकारी मौके का फायदा उठाकर फरार हो गए। मौके पर पहुंचे अतिरिक्त पुलिसबल ने जंगल से पांच हिरण और एक मोर के अवशेष जब्त किए हैं। शिकारियों की तलाश में पुलिस उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है।
गृह मंत्री ने ह्रदय विदारक बताई घटना
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने इस घटना को दुखद और ह्रदय विदारक बताया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि आरोन थाना क्षेत्र में 7-8 मोटरसाइकिल सवार बदमाशों की सूचना पुलिस को मिली थी। पुलिस ने बदमाशों को चारों तरफ से घेर लिया, जिस पर बदमाशों ने फायरिंग शुरु कर दी। जिसमें पुलिस परिवार के जाबांज SI राजकुमार जाटव, हवलदार नीलेश भार्गव और सिपाही संतराम जी मौत हो गई।'
दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश
अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि उन्होंने जिले के पुलिस अधीक्षक और पुलिस महानिदेशक (DGP) से घटना की जानकारी ली है। अपराधियों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए है जो नजीर बने।
मुख्यमंत्री ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना को लेकर आज सुबह उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। इसमें गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव और कई दूसरे अधिकारी शामिल हुए। वहीं पुलिस महानिदेशक वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिये बैठक से जुड़े। राज्य सरकार ने शिकारियों के साथ मुठभेड़ में जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। इनके अंतिम संस्कार में जिलों के प्रभारी मंत्री शामिल होंगे।
विपक्ष ने मांगा गृह मंत्री का इस्तीफा
घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने गृह मंत्री का इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा कि इस घटना से साफ है कि राज्य में कानून-व्यवस्था चौपट हो गई है। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि वे पुलिस को भी नहीं छोड़ रहे।