पूजा खेडकर बोलीं- मैं 47 प्रतिशत दिव्यांग, 7 बार सामान्य श्रेणी से परीक्षा दी
महाराष्ट्र कैडर की बर्खास्त IAS पूजा खेडकर ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि उन्होंने अपने जीवन में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की 12 परीक्षाएं दी हैं, लेकिन सिर्फ 5 को उचित माना जाए। NDTV के मुताबिक, खेडकर ने हलफमाने में कहा कि उन्होंने 5 बार दिव्यांग श्रेणी से परीक्षा पास की, इसलिए बाकी 7 परीक्षाओं की कोशिश पर विचार नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया कि उनको सभी विभागों ने विधिवत प्रमाणपत्र जारी किया है।
पूजा ने कहा- नाम और उपनाम नहीं, सिर्फ बीच का नाम बदला
खेडकर ने दावा किया कि उनके पास महाराष्ट्र के एक अस्पताल का प्रमाणपत्र है, जिसमें उनके "पुराने ACL (पूर्वकाल क्रूसिएट लिगामेंट) के फटने तथा बाएं घुटने में अस्थिरता" का निदान किया है। उन्होंने सरकार के 40 प्रतिशत मानक के मुकाबले 47 प्रतिशत विकलांगता का दावा किया है। इसलिए उन्होंने कहा कि केवल 'दिव्यांग' श्रेणी में किए गए प्रयासों को ही गिना जाए। खेडकर ने कहा कि उन्होंने अपना नाम और उपनाम नहीं बदला है, सिर्फ बीच का नाम बदला है।
पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत बढ़ाई गई
दिल्ली हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने गुरुवार को खेडकर की अग्रिम जमानत को 5 सितंबर तक बढ़ा दिया है। इस बीच उनको ताजा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने की छूट मिली थी। कोर्ट ने मामले में UPSC और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। खेडकर दिल्ली की निचली कोर्ट से जमानत याचिका अस्वीकार होने के बाद हाई कोर्ट पहुंची थीं। खेडकर ने कोर्ट में कहा था कि UPSC को उनकी नियुक्ति रद्द करने का अधिकार नहीं।
क्या है पूजा खेडकर विवाद?
महाराष्ट्र कैडर की IAS अधिकारी पूजा खेडकर को विकलांग और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के फर्जी प्रमाणपत्रों से नौकरी पाने के आरोप में बर्खास्त किया गया है। UPSC ने मामले में दोषी पाते हुए भविष्य की परीक्षाओं में भाग लेने से भी रोक दिया है। इसके अलावा आयोग ने पुलिस थाने में खेडकर के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। दिल्ली की निचली कोर्ट में खेडकर की अग्रिम जमानत नामंजूर हो गई थी, जिसके बाद वह हाई कोर्ट पहुंची हैं।