तमिलनाडु: उच्च शिक्षा मंत्री पोनमुडी को भ्रष्टाचार मामले में 3 साल की सजा, विधायकी पर खतरा
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) को बड़ा झटका लगा है। मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराते हुए 3 साल की सजा और 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसी मामले में पोनमुडी की पत्नी विशालाक्षी को भी दोषी ठहराया गया है। हालांकि, कोर्ट ने फैसले के अमल पर 30 दिन तक के लिए रोक लगा दी है।
क्या है मामला?
ये मामला 2006 से 2011 के बीच का है। तब पोनमुडी खनिज मंत्री थे। आरोप है कि पोनमुडी ने खदान लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन किया, जिससे सरकारी खजाने को 28 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। पोनमुडी पर अपने बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए खनन लाइसेंस प्राप्त करने और तय सीमा से अधिक बालू के उत्खनन करने का भी आरोप है। इस संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
निचली अदालत से बरी हो गए थे पोनमुडी
28 जून को वेल्लोर की सत्र अदालत ने इस मामले में पोनमुडी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। इसके बाद मद्रास हाई कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए अगस्त में पुनर्विचार करने का फैसला लिया था। 19 दिसंबर को हाई कोर्ट ने पोनमुडी को दोषी करार दिया था, लेकिन सजा का ऐलान नहीं किया था। आज (21 दिसंबर) को पोनमुडी को 3 साल की जेल और दंपति पर 50-50 लाख का जुर्माना लगाया है।
कोर्ट ने कहा- निचली अदालत का फैसला त्रुटिपूर्ण
हाई कोर्ट ने फैसले में कहा कि दंपति ने आय के ज्ञात स्रोतों के अनुपात में 65 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित की थी। कोर्ट ने कहा, "निचली अदालत का फैसला स्पष्ट रूप से गलत, त्रुटिपूर्ण और अपरिपक्व है। इसलिए यह अपीलीय न्यायालय के हस्तक्षेप करने और इसे रद्द करने के लिए एक उपयुक्त मामला है।" हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस निष्कर्ष को भी खारिज कर दिया, जिसमें मंत्री और उनकी पत्नी को 2 अलग निकाय माना गया था।
पोनमुडी की विधायकी पर खतरा
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के मुताबिक, कम से कम 2 साल की सजा होने पर एक सांसद या विधायक को अयोग्य घोषित किया जा सकता है। भ्रष्टाचार के मामलों में सजा की तारीख से ही अयोग्य ठहराया जा सकता है। इस आधार पर पोनमुडी की विधायकी जाना लगभग तय है। हालांकि, इस संबंध में विधानसभा सचिवालय द्वारा अभी तक नोटिस जारी नहीं किया गया है। पोनमुडी के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प भी है।
कौन हैं पोनमुडी?
विल्लुपुरम जिले के रहने वाले पोनमुडी ने राजनीति विज्ञान में PhD की है। उन्होंने कुछ समय के लिए बतौर प्रोफेसर भी काम किया है। बाद में वे DMK से जुड़ गए और 1989 में विल्लुपुरम से पहली बार विधायक बने। वे फिलहाल कल्लाकुरिची जिले के तिरुक्कोयिलुर सीट से विधायक हैं। वे राज्य में शिक्षा के अलावा खनिज, परिवहन और स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं। 6 बार के विधायक पोनमुडी की अल्पसंख्यक वोटों पर खासी पकड़ मानी जाती है।