जब पति ने सुषमा स्वराज से कहा- 46 सालों से आपके पीछे भागते-भागते थक गया हूं
क्या है खबर?
भारत की पहली पूर्णकालिक महिला विदेश मंत्री हमेशा के लिए दुनिया को छोड़कर चली गईं।
उन्होंने इमरजेंसी के साल यानी 1975 में सुप्रीम कोर्ट में उनके साथ वकालत की प्रैक्टिस करने वाले स्वराज कौशल से शादी की थी।
दोनों की प्रेम कहानी कॉलेज के दिनों में शुरू हुई थी और अंत तक इसके किस्से लोगों के सामने आते रहे।
राजनीति छोड़ने के ऐलान करते हुए उन्होंने कहा था कि वह अपने पति के साथ अब ज्यादा समय गुजारना चाहती हैं।
प्रतिक्रिया
जब स्वराज बोले- मैं पिछले 46 सालों से आपके पीछे भाग रहा हूं
उनके राजनीति छोड़ने पर उनके पति स्वराज कौशल ने खुशी जाहिर करते हुए कहा था, 'आपके चुनाव न लड़ने के फैसले के लिए आपका बहुत शुक्रिया। मुझे याद है कि एक समय ऐसा भी आया था, जब मिल्खा सिंह ने भागना छोड़ दिया था। मैडम, मैं पिछले 46 सालों से आपके पीछे भाग रहा हूं। मैं अब 19 साल का नहीं रहा हूं। मैं भी थक गया हूं। धन्यवाद।"
दोनों के एक बेटी है, जो वकालत करती हैं।
शादी
इमरजेंसी के दौरान हुई थी दोनों की शादी
युवा उम्र में सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने वाले दोनों युवा वकीलों ने इमरजेंसी के दौरान जॉर्ज फर्नांडीज के एक मुकदमे के लिए साथ काम किया था।
इसी दौरान दोनों ने 13 जुलाई, 1975 को शादी कर ली। एक महीने से भी कम समय पहले दोनों ने शादी के 44 साल पूरे होने का जश्न मनाया था।
हालांकि, दोनों को शादी करने के लिए काफी मुश्किलें आई थीं। दोनों के परिवार इस शादी के लिए राजी नहीं थे।
शादी
शादी के लिए मुश्किल से माने घरवाले
दोनों ने बहुत मुश्किल से अपने घर वालों को मनाया।
सुषमा स्वराज और उनके पति विचारधारा के मामले में अलग-अलग ध्रुवों पर थे, लेकिन विचारधारा कभी उनके प्यार के बीच बाधा नहीं बनी।
सुषमा स्वराज राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) से जुड़ी थीं और स्वराज कौशल समाजवादी विचारधारा को मानते थे।
सार्वजनिक जीवन में होने के कारण सुषमा स्वराज परिवार को समय नहीं दे पाती थीं, जिसकी शिकायत अकसर उनके पति करते थे।
त्योहार
धूमधाम से मनाती थीं करवाचौथ
सुषमा स्वराज दिलचस्पी लेकर परंपरागत त्योहार और पर्व मनाती रही हैं।
हर करवाचौथ पर सुषमा स्वराज की खूबसूरत तस्वीर सामने आती रही हैं, जिसमें वो बड़े धूमधाम से अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए ये व्रत किया करती थीं।
सुषमा स्वराज ने विधायक से लेकर विदेश मंत्री का शानदार सफर तय किया था। इसकी गवाही आज पूरी दुनिया दे रही है।
सुषमा स्वराज का पूरा राजनीतिक सफर आप यहां क्लिक कर जान सकते हैं।
निधन
मंगलवार को हुआ था सुषमा का निधन
भाजपा की वरिष्ठ नेता और मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज का निधन हो गया।
उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उनका निधन हो गया।
उनकी उम्र 67 साल थी। निधन से करीब चार घंटे पहले ही सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर संसद में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित होने को लेकर खुशी जताई थी।
कार्यकाल
विदेश मंत्री रहने के दौरान सुषमा ने दुनियाभर में प्रशंसा हासिल की
सुषमा स्वराज अपने काम को लेकर भारत की सबसे अच्छी विदेश मंत्री के रूप में गिनी जाएंगी।
सुषमा ने नौकरशाही में जनता के विश्वास को बहाल किया और ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद करके दुनिया भर में प्रशंसा हासिल की।
मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करने के लिए सुषमा हमेशा तैयार रहती थीं। अपने विदेश मंत्री रहने के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर मदद की गुहार सुनकर कई लोगों को मुश्किलों से निकाला।