धनबाद में जज की मौत: सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया, राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने धनबाद में हुई एडिशनल सेशन जज उत्तम आनंद की मौत के मामले का स्वत: संज्ञान लेेते हुए झारखंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) से जांच की रिपोर्ट मांगी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह आदेश हाई कोर्ट में चल रहे मामले को किसी भी तरह प्रभावित नहीं करेगा।
बता दें, झारखंड हाई कोर्ट ने भी मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और अब वह जांच की निगरानी कर रहा है।
पृष्ठभूमि
बुधवार को ऑटो की टक्कर से हुई थी जज की मौत
बुधवार को धनबाद के एडिशनल सेशन जज (ASJ) उत्तम आनंद रणधीर वर्मा चौक पर सुबह की सैर के लिए गए थे। यहां उन्हें एक ऑटो रिक्शा ने टक्कर मार दी। राहगीरों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
पहले माना जा रहा था कि सड़क दुर्घटना में जज की मौत हुई है, लेकिन CCTV फुटेज से लग रहा है कि ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने जानबूझकर उन्हें टक्कर मारी थी।
सुनवाई
CJI ने बताई दुर्भाग्यपूर्ण घटना
सुनवाई के दौरान CJI एनवी रमन्ना ने कहा, "बुधवार को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में ऑटो रिक्शा ने ASJ को टक्कर मार दी। इस भीषण हादसे की समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर भी कवरेज हुई थी। झारखंड के मुख्य न्यायधीश ने इसका संज्ञान लिया है। हमने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है और हमें यह भी पता है कि झारखंड हाई कोर्ट भी ऐसा कर चुका है। हम हाई कोर्ट की कार्यवाही में दखल नहीं दे रहे हैं।"
जानकारी
अगले हफ्ते तक जमा करानी होगी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने अगले हफ्ते तक झारखंड के मुख्य सचिव और DGP से इस मामले की जांच से जुड़ी रिपोर्ट जमा कराने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में जजों और वकीलों पर खतरों को देखते हुए यह स्वत: संज्ञान लिया है।
गिरफ्तारी
दो लोगों की हुई है गिरफ्तारी
जज को टक्कर मारने के आरोप में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और ऑटो भी बरामद कर लिया गया है।
आरोपियों के नाम लखन वर्मा और राहुल वर्मा है। पुलिस उनसे पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या जज को टक्कर लगना एक हादसा था या इसके पीछे कोई साजिश थी।
हादसे के वक्त दोनों आरोपी नशे में धुत्त थे और उन्होंने इस घटना को एक हादसा बताया है।
जानकारी
कई अहम मामलों की सुनवाई कर रहे थे जज उत्तम आनंद
हादसे के बाद जज को शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अरुण कुमार चौधरी ने कहा कि मरीज को अज्ञात के तौर पर सुबह करीब 5.30 बजे अस्पताल लाया गया था और 8.30 बजे उसकी मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार, जज हत्या के बड़े मामलों की सुनवाई कर रहे थे और हाल ही में कई अपराधियों की जमानत याचिका खारिज की थी।