सुप्रीम कोर्ट ने बर्खास्त IAS पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर रोक लगाई
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र कैडर की बर्खास्त IAS पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। दिल्ली हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद खेडकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं।
कोर्ट ने खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को नोटिस जारी किया है और दंडात्मक कार्रवाई रोक लगाई है।
न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को तय की।
विवाद
हाई कोर्ट ने बड़ी साजिश का अंदेशा जताया था
दिसंबर में हाई कोर्ट ने सुनवाई में कहा था कि प्रथम दृष्यटा खेडकर का इरादा UPSC को धोखा देना था।
कोर्ट ने कहा कि खेडकर के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप न केवल एक प्राधिकरण, बल्कि देश के साथ धोखाधड़ी का उत्कृष्ट उदाहरण है।
कोर्ट ने संकेत दिया था कि खेडकर के परिवार ने प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए अज्ञात शक्तिशाली व्यक्तियों के साथ मिलीभगत की हो।
कोर्ट ने साजिश का अंदेशा जताते हुए जांच को जरूरी बताया था।
आरोप
खेडकर पर क्या लगे हैं आरोप?
खेडकर सहायक कलेक्टर के पद पर तैनाती मिलते ही अपनी विशेष मांगों को लेकर विवादों में घिरी थीं।
इसके बाद उन पर विकलांग और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के फर्जी प्रमाणपत्रों से नौकरी पाने का आरोप लगा।
जांच के बाद UPSC ने उनकी उम्मीदवारी रद्द कर भविष्य में परीक्षा देने पर रोक लगा दी। साथ ही FIR भी दर्ज कराई।
दिल्ली की निचली कोर्ट और हाई कोर्ट में उनकी अग्रिम जमानत नामंजूर होने के बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं।
पहचान
कौन हैं पूजा खेडकर?
महाराष्ट्र की पूजा खेडकर वर्ष 2022 की IAS अधिकारी हैं। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में उन्होंने अखिल भारतीय रैंक 841 हासिल की थी।
खेडकर की मां अहमदनगर जिले के भालगांव की निर्वाचित सरपंच हैं। उनके पिता और दादा सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी रह चुके हैं।
उन्हें पुणे में सहायक कलेक्टर के तौर पर पहली नियुक्ति मिली थी। आरोप है कि उनके पिता जिलाधिकारी पर उनकी बेटी को सुविधाएं देने के लिए दबाव बनाते थे।