
सरोगेसी कानून लागू होने से पहले भ्रूण फ्रीज कराने वाले दंपतियों को राहत, उम्र में छूट
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सरोगेसी को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है, जिससे जनवरी 2022 से पहले भ्रूण फ्रीज कराने वाले दंपतियों को राहत मिली है। कोर्ट ने कहा कि सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 के तहत लागू आयु सीमा उन दंपतियों पर लागू नहीं होगा, जिन्होंने जनवरी 2022 में कानून लागू होने से पहले सरोगेसी प्रक्रिया शुरू कर दी थी। यह फैसला न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने 3 दंपतियों की याचिकाओं पर सुनाया है।
फैसला
कोर्ट ने क्या कहा?
बार एंड बेंच के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "अगर सरोगेसी की प्रक्रिया कानून लागू होने से पहले शुरू हुई है और उनके पास फ्रीज भ्रूण थे या वे सरोगेट मां को भ्रूण स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में थे, तो ऐसे में आयु प्रतिबंध लागू नहीं होगा।" कोर्ट ने कहा कि अगर किसी अन्य दंपति के पास भी ऐसी समस्या है और तो वे निवारण के लिए हाई कोर्ट जा सकते हैं और इस फैसले को लागू कर सकते हैं।
राहत
क्लीनिक जाने वाले सरोगेसी प्रक्रिया में नहीं आते- कोर्ट
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह राहत उन्हीं को मिलेगी जिन्होंने सरोगेसी प्रक्रिया यानी भ्रूण फ्रीज करने और स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू की थी, सिर्फ क्लीनिक में जाने वालों को राहत नहीं मिलेगी। कोर्ट ने कहा कि अगर सरोगेट बच्चा 2021 अधिनियम के 10 महीनों में पैदा होता है, तो दंपति पर आयु प्रतिबंध लागू नहीं होगा। कोर्ट ने फैसले में 2021 के कानून के अंतर्गत आने वाले जोड़ों के लिए आयु प्रतिबंध की वैधता पर विचार नहीं किया है।
जानकारी
3 दंपतियों ने दायर की थी याचिका
सुप्रीम कोर्ट जाने वाले 3 दंपति सरोगेसी अधिनियम में निर्धारित ऊपरी आयु सीमा (महिला के लिए 50 और पुरुषों के लिए 55) को पार कर चुके थे, लेकिन 2021 के कानून के लागू होने से पहले उनकी सरोगेसी प्रक्रिया (भ्रूण फ्रीज-स्थानांतरण) शुरू हो चुका था।
कानून
क्या कहता है सरोगेसी कानून?
भारत में सरोगेसी सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम 2021, वर्ष 2022 में 25 जनवरी को लागू हुआ था। इस अधिनियम की धारा 4 (iii) (C) (I) में प्रावधान है कि सरोगेसी के जरिए बच्चा पैदा करने के लिए इच्छुक दंपति को विवाहित होना चाहिए और महिला की आयु 23-50 और पुरुष की आयु 26-55 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इस प्रतिबंध को 3 दंपतियों ने चुनौती दी थी, जो इस धारा में निर्धारित ऊपरी आयु सीमा पार कर चुके थे।