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सुप्रीम कोर्ट से वंतारा को राहत, कहा- प्रक्रिया सही तो माधुरी हाथी का स्थानांतरण गलत नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कोल्हापुर के हाथी को वंतारा भेजने के मामले में फैसला सुनाया

सुप्रीम कोर्ट से वंतारा को राहत, कहा- प्रक्रिया सही तो माधुरी हाथी का स्थानांतरण गलत नहीं

लेखन गजेंद्र
Sep 15, 2025
01:12 pm

क्या है खबर?

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र के कोल्हापुर से 36 वर्षीय मादा हाथी महादेवी उर्फ माधुरी को गुजरात स्थित वंतारा पशु बचाव केंद्र भेजे जाने के मामले में फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगर हाथी को वंतारा भेजे जाने की प्रक्रिया सही है तो उसे स्थानांतरित किया जाना गलत नहीं। कोर्ट ने उचित प्रक्रिया का पालन करने को कहा है। कोर्ट वंतारा में हाथियों के स्थानांतरण को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

सुनवाई

कोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, "अगर वंतारा वन विभाग से हाथियों को अपने नियंत्रण में लेता है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं, बशर्ते प्रक्रिया का पालन हो। SIT ने रिपोर्ट दी है कि अधिकारियों ने अनुपालन और नियामक उपायों के मुद्दों पर संतुष्टि व्यक्त की है।" अनंत अंबानी की कंपनी वंतारा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कोर्ट से मांग की कि SIT रिपोर्ट में स्वामित्व संबंधी गोपनीय जानकारी है, जिसे सार्वजनिक न किया जाए।

रिपोर्ट

SIT ने अपनी रिपोर्ट सौंपी

सप्रीम कोर्ट ने अगस्त में वंतारा मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) नियुक्त की थी, जिसमें पूर्व न्यायाधीश जे चेलमेश्वर के अलावा उत्तराखंड और तेलंगाना हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र चौहान, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले, भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी अनीश गुप्ता सदस्य शामिल थे। टीम ने विभाग, मंत्रालय, सरकार और विशेषज्ञों के सहयोग से रिपोर्ट तैयार कर 12 सितंबर को पेन ड्राइव के साथ सीलबंद लिफाफे में जमा किया था।

बयान

SIT के गठन पर वंतारा ने क्या कहा था?

SIT गठन के बाद रिलायंस समूह के वंतारा ने अपना बयान जारी कर कहा था, "हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अत्यंत सम्मानपूर्वक स्वागत करते हैं। वंतारा पारदर्शिता, करुणा और कानून के पूर्ण अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मिशन और ध्यान पशुओं के बचाव, पुनर्वास और देखभाल पर केंद्रित रहेगा। हम SIT को पूर्ण सहयोग देंगे और अपने काम को पूरी ईमानदारी से जारी रखेंगे। हमारा अनुरोध है कि प्रक्रिया को पशुओं के सर्वोत्तम हित में होने दिया जाए।"

घटना

क्या है हाथी को वंतारा भेजने का मामला?

महादेवी को 1992 में कर्नाटक से कोल्हापुर के नांदणी गांव स्थित जैन मठ लाया गया था। यहां हाथी को 700 सालों से पालने की परंपरा है, जो धार्मिक कार्यों में भाग लेते हैं। पशु कल्याण संगठन PETA ने महादेवी के स्वास्थ्य पर चिंता जताई और उच्च स्तरीय कमेटी से जांच कराई। 16 जुलाई, 2025 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने PETA की याचिका और रिपोर्ट के आधार पर महादेवी को रिलायंस फाउंडेशन के वंतारा भेजने का आदेश दिया।

विरोध

कोल्हापुर में सड़कों पर उतरे थे लोग

माधुरी को वंतारा भेजे जाने के बाद कोल्हापुर में बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया था। तब 3 अगस्त को नांदणी से कोल्हापुर तक 45 किमी लंबी मौन पदयात्रा में 40,000 से अधिक लोग शामिल हुए थे। स्थानीय लोगों ने जिओ सिम मोबाइल से हटा दिया है और राष्ट्रपति को पत्र भी लिखा है।