सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ज्यादातर तलाक प्रेम विवाह में ही होते हैं
सुप्रीम कोर्ट ने शादी से जुड़े एक विवाद पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि ज्यादातर तलाक प्रेम विवाह में होते हैं। बार एंड बेंच के मुताबिक, न्यायमूर्ति बीआर गवई और संजय करोल की पीठ एक वैवाहिक विवाद से उत्पन्न स्थानांतरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी। मामले में एक वकील ने कोर्ट को सूचित किया कि यह एक प्रेम विवाह था, तब न्यायमूर्ति गवई ने कहा, "ज्यादातर तलाक लव मैरिज में ही हो रहे हैं।"
कोर्ट के मध्यस्थता प्रस्ताव का पति ने किया विरोध
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मध्यस्थता का भी प्रस्ताव दिया, जिसका पति ने विरोध किया। हालांकि, कोर्ट ने बाद में कहा कि वह हाल ही के एक फैसले के मद्देनजर बिना उसकी सहमति के तलाक दे सकती है। बता दें कि कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर विवाह को बचाने का कोई तरीका न बचा हो तो तलाक को मंजूरी देना अधिकार का नहीं बल्कि विशेषाधिकार का मामला है, लेकिन दोनों तरफ न्याय होना जरूरी है।