
सुप्रीम कोर्ट ने पर्यटकों की सुरक्षा के लिए जनहित याचिका खारिज की, याचिकाकर्ता को लगाई फटकार
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पहाड़ी इलाकों में सुरक्षा की मांग करने वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने बिना किसी संवेदनशीलता के काम करने पर याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई है।
कोर्ट ने इससे पहले विशाल तिवारी नाम के वकील की याचिका को खारिज किया था, जिसमें पहलगाम हमके की न्यायिक जांच की मांग की गई थी।
आदेश
कोर्ट ने क्या कहा?
पीठ ने सुरक्षा से जुड़ी याचिका को खारिज कर कहा, "पिछली बार भी हमने आपको सलाह दी थी। ऐसा करने की कोशिश मत कीजिए...आपका उद्देश्य क्या है? आपको ये जनहित याचिकाएं दायर करने के लिए कौन आमंत्रित कर रहा है? आप कोई संवेदनशीलता नहीं समझते? क्या आपकी कोई जिम्मेदारी नहीं?"
इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि उनका ध्यान केवल पर्यटकों की सुरक्षा पर है।
कोर्ट ने कहा की ऐसी याचिकाओं का मुख्य उद्देश्य प्रचार है, इसका जनहित से सरोकार नहीं।
जांच
इससे पहले की गई थी जांच की मांग
22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में पयर्टकों पर पाकिस्तानी आतंकियों ने गोलीबारी की थी, जिसमें 26 पयर्टकों की मौत हो गई थी।
मामले में सुरक्षा की चूक और खुफिया एजेंसियों की नाकामी को लेकर एक याचिका दायर की गई थी।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उसे खारिज कर कहा था कि यह महत्वपूर्ण समय है जब प्रत्येक भारतीय ने आतंकवाद से लड़ने के लिए हाथ मिलाया है। सुरक्षा बलों का मनोबल न गिराएं। मुद्दे की संवेदनशीलता को देखें।