
विवाहित पुरुषों की आत्महत्या: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की राष्ट्रीय पुरुष आयोग की स्थापना की मांग
क्या है खबर?
विवाहित पुरुषों की आत्महत्या को देखते हुए राष्ट्रीय पुरुष आयोग की स्थापना की मांग करने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है।
यह याचिका अधिवक्ता महेश कुमार तिवारी द्वारा दायर की गई थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या वह शादी के तुरंत बाद मरने वाली युवा लड़कियों का आंकड़े दे सकते हैं।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कोई भी आत्महत्या नहीं करना चाहता और यह व्यक्तिगत मामले के तथ्यों पर निर्भर करता है।
सुनवाई
विवाहित पुरुषों की सहायता के लिए दिशा-निर्देश की मांग की गई थी
याचिकाकर्ता महेश कुमार ने आत्महत्या के बारे में सोचने वाले विवाहित पुरुषों की सहायता के लिए दिशा-निर्देश बनाने की मांग की थी। साथ ही मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को निर्देश देने की भी मांग की थी।
बता दें कि याचिकाकर्ता ने 2021 में प्रकाशित राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का हवाला दिया था, जिसमें एक साल में देश में 1.64 लाख लोगों ने आत्महत्या की थी। इसमें विवाहित पुरुष 81,063 थे, जबकि 28,680 विवाहित महिलाएं थीं।