सुप्रीम कोर्ट ने रेप मामले में पूर्व JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के हासन से पूर्व सांसद और जनता दल सेक्युलर (JDS) के नेता प्रज्वल रेवन्ना को रेप और यौन उत्पीड़न के मामलों में जमानत देने से इंकार कर दिया है। रेवन्ना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि आरोप गंभीर हैं, लेकिन शिकायत में रेप का कोई विशिष्ट आरोप नहीं है। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने तर्कों को दरकिनार कर रेवन्ना की याचिका खारिज कर दी।
कर्नाटक हाई कोर्ट भी रद्द कर चुका है याचिका
पहले अक्टूबर में रेवन्ना ने कर्नाटक हाई कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी, जिसे ठुकरा दिया गया, इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में तत्काल अपील दायर की। रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से पूछा कि क्या वह 6 महीने बाद दोबारा से आवेदन कर सकते हैं? इस पर कोर्ट ने कोई जवाब नहीं दिया। बता दें, विशेष जांच दल (SIT) रेवन्ना से जुड़े 4 मामलों की जांच कर रही है। सांसद-विधायक कोर्ट में 2,144 पृष्ठों का आरोपपत्र दायर हो चुका है।
क्या है रेप का मामला?
अप्रैल 2024 में प्रज्वल के सैकड़ों सेक्स टेप सामने आए, जिनमें कई वीडियो में वह महिलाओं की मर्जी के बिना संबंध बनाते और फिल्माते नजर आए हैं। प्रज्वल की घरेलू सहायिका ने सबसे पहले इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई। बाद में अन्य मामले भी सामने आए। इस बीच प्रज्वल जर्मनी भाग गए और मामले की जांच SIT को सौंप दी गई। 31 मई को प्रज्वल जर्मनी लौटे और फिलहाल हिरासत में है। प्रज्वल लोकसभा चुनाव हार गए थे।