
सुप्रीम कोर्ट ने अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के खिलाफ 'देशद्रोह' की कार्यवाही रोकी
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के खिलाफ 'देशद्रोह' मामले की कार्यवाही को रोक दिया है। इससे पहले कोर्ट ने उन्हें सोशल मीडिया पर ऑनलाइन पोस्ट करने की इजाजत दे दी और मामले में जांच कर रही विशेष जांच दल (SIT) को फटकार लगाई थी। प्रोफेसर खान पर 'ऑपरेशन सिंदूर' के समय भारतीय सेना के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी करने का आरोप था।
सुनवाई
कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की पीठ ने हरियाणा पुलिस की विशेष जांच दल (SIT) से कहा कि वे अगली सुनवाई तक प्रोफेसर के खिलाफ आरोपपत्र दायर नहीं कर सकते। SIT ने कोर्ट को बताया कि उसने एक मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है, जबकि एक अन्य FIR में आरोपपत्र दाखिल की है। पीठ ने क्लोजर रिपोर्ट वाली FIR को रद्द कर दी और मजिस्ट्रेट को अंतरिम आदेश देकर दूसरी FIR के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से रोका है।
आरोप
क्या है मामला?
प्रोफेसर खान ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की ब्रीफिंग के लिए कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका की अगुवाई को सराहते हुए कहा कि अगर महिलाओं के प्रति यह बदलाव जमीनी स्तर पर नजर नहीं आता, तो यह भारतीय सेना का पाखंड होगा। इसपर महिला आयोग ने सैन्य कार्रवाइयों को बदनाम करने का प्रयास बताते हुए नोटिस भेजा। भाजपा की शिकायत पर पुलिस ने उन्हें 18 मई को गिरफ्तार किया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 21 मई को जमानत दे दी थी।