
न्यायाधीश सूर्यकांत ने वकील को फटकारा, कहा- क्या आप जानते हैं हम कितने घंटे सोते हैं?
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने एक मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया तो उसे न्यायमूर्ति सूर्यकांत की कड़ी फटकार का सामना करना पड़ा। भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने न्यायालय में बढ़ते काम के दबाव का हवाला देते हुए वकील की एक आवासीय मकान की नीलामी से जुड़े मामले को उसी दिन सुनने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक किसी की आजादी का सवाल न हो, वह मामले की तुरंत सुनवाई नहीं करेंगे।
सुनवाई
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने क्या कहा?
वकील ने याचिका लगाई थी कि उसके मुवक्किल के घर की उसी दिन नीलामी होनी है, इसलिए उस पर तत्काल सुनवाई की जाए। इस पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, "आप लोग न्यायाधीशों की दुर्दशा नहीं समझते। क्या आपको पता है कि हम कितने घंटे सो रहे हैं? जब तक किसी की आजादी दांव पर न हो, उसी दिन सुनवाई की मांग न करें। जब तक किसी को फांसी नहीं दी जानी है, मैं किसी मामले को तत्काल सूचीबद्ध नहीं करूंगा।"
याचिका
CJI पहले ही जता चुके हैं ऐतराज
सुप्रीम कोर्ट में रोजाना की सुनवाई शुरू होने से पहले सुबह वकीलों को अधिकार होता है कि वे उन जरूरी मामलों का जिक्र (मेंशन) करें, जिन्हें सूचीबद्ध कर तत्काल सुनवाई हो सके। इस नियम पर वकील सुप्रीम कोर्ट में तर्क देते हैं कि अगर उनकी सुनवाई तुरंत नहीं हुई तो उनके मुवक्किल को बड़ा नुकसान हो सकता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने अगस्त में ही वरिष्ठ अधिवक्ताओं को उनके कोर्ट में मेंशनिंग से रोक दिया है।