सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली हेमंत सोरेन को राहत, गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका का निपटारा किया
झारखंड में जमीन से जुड़े कथित घोटाले के आरोपों में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को निरर्थक बताते हुए निपटा दिया। लाइव लॉ के मुताबिक, न्यायाधीश संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद से याचिका निरर्थक हो गई, सोरेन दूसरी याचिका डाल सकते हैं।
झारखंड हाई कोर्ट खारिज कर चुकी है याचिका
सोरेन ने झारखंड हाई कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी, जिस पर कोर्ट ने 29 फरवरी को बहस पूरी होने के बाद फैसला सुनाने में समय लगाया। व्यथित होकर सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी और कोर्ट ने 29 अप्रैल को नोटिस जारी कर दिया। इसी बीच 3 मई को हाई कोर्ट ने फैसला सुनाकर उनकी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद सोरेन ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ नई विशेष याचिका लगाई थी।
31 जनवरी को गिरफ्तार हुए थे सोरेन
सोरेन पर अधिकारियों के साथ मिलकर जमीन घोटाले का आरोप है। ED का दावा है कि फर्जी दस्तावेजों से रांची में भारतीय सेना की लगभग 5 एकड़ जमीन बेची गई। ED ने 31 जनवरी को सोरेन को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी से कुछ देर पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। ED ने सोरेन के दिल्ली स्थित घर से 36 लाख रुपये, BMW कार, रांची में 31 करोड़ रुपये की जमीन समेत कुल 256 करोड़ की संपत्ति जब्त की है।