शाहीन बाग: प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्त किए वार्ताकार
नागरिकता कानून के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस संजय कौशल, जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध की जगह है, लेकिन विरोध के नाम पर सड़क जाम नहीं कर सकते। कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को वार्ताकार नियुक्त किया है। ये दोनों प्रदर्शनकारियों से बात कर समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।
हर कोई सड़क पर उतरने लगे तो क्या होगा- कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को अपनी आवाज उठाने का अधिकार है। कोर्ट अधिकारों की रक्षा के विरोध के खिलाफ नहीं हैं। लोकतंत्र में अपनी आवाज जरूर पहुंचाएं। असली समस्या ट्रैफिक को लेकर है। हर कोई सड़क पर उतरने लगे तो क्या होगा? कोर्ट ने संजय हेगड़े के साथ वकील साधना रामचंद्रन को वार्ताकार के तौर पर नियुक्त किया है। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और पूर्व नौकरशार वजहत हबीबुल्लाह वार्ताकारों की मदद करेंगे।
मांग जायज तो भी रास्ता कैसे बंद कर सकते हैं- कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि उसकी चिंता सीमित है। अगर हर कोई सड़क पर उतरने लगा तो क्या होगा? लोकतंत्र सबके लिए हैं। असली चिंता दिल्ली के ट्रैफिक को लेकर है। अगर आपकी मांग जायज भी है तो आप रास्ता कैसे बंद कर सकते हैं। इसी बीच दलील दी गई कि ऐसे हजारों प्रदर्शन हो रहे हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि उसे प्रदर्शनों से दिक्कत नहीं है, लेकिन रास्ता बंद नहीं होना चाहिए। चिंता सड़क जाम होने की है।
24 फरवरी को अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नियम के मुताबिक, प्रदर्शन करने की जगह जंतर-मंतर है। शाहीन बाग का मामला जनजीवन को ठप करने की समस्या से जुड़ा है। अब इसकी अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी।
15 दिसंबर से चल रहा है शाहीन बाग में प्रदर्शन
शाहीन बाग में 15 दिसंबर से विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारियों में सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की है और इसे महिलाओं का प्रदर्शन बताया जा रहा है। ये प्रदर्शनकारी कालिंदी कुंज के पास नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाली सड़क पर जमे हैं, जिस कारण सड़क पूरी तरह बंद है। प्रदर्शन कर रही महिलाओं को कहना है कि जब तक सरकार नागरिकता कानून को वापस नहीं लेगी वो वहां से उठेंगी नहीं।
दिल्ली चुनावों में खूब उछला था शाहीन बाग का मुद्दा
दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान शाहीन बाग का मुद्दा खूब उछला था। आम आदमी पार्टी के मनीष सिसोदिया ने शाहीन बाग के समर्थन में बयान दिया था। इसके बाद भाजपा ने इस लपकते हुए प्रदर्शनकारियों पर अपने हमले तेज कर दिये थे। पार्टी के उम्मीदवार कपिल मिश्रा ने इसकी तुलना पाकिस्तान से की थी। वहीं भाजपा सांसद ने कहा था कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी जल्द ही दिल्ली के घरों में घुसेंगे और बहन-बेटियों का रेप कर उन्हें मारेंगे।