सिंघु बॉर्डर: निहंगों द्वारा एक शख्स की हत्या के पीछे की कहानी क्या है?

दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर स्थित किसानों के प्रदर्शन स्थल पर एक शख्स की नृशंस हत्या ने सबको हैरान करके रख दिया है। आज सुबह तड़के की इस घटना में आरोपियों ने पीड़ित का हाथ भी काट दिया और उसे एक बैरिकेडिंग से लटका दिया। एक निहंग सिख समूह पर इस वारदात को अंजाम देने का आरोप लगा है और किसान संगठनों ने इसकी निंदा की है। आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि आज सुबह आखिर क्या-क्या हुआ।
संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार, पीड़ित का नाम लखबीर सिंह है और वह पंजाब के तरनतारन जिले का रहने वाला था। लखबीर तीन दिन पहले ही सिंघु बॉर्डर आया था और बॉर्डर के सबसे पास स्थित निहंग कैंप में ही रह रहा था। घटना आज सुबह लगभग 3 बजे के करीब हुई जब लखबीर के पास सिखों का पवित्र सरबलोह ग्रंथ पाया गया। मौके पर मौजूद एक निहंग सिख ने उससे पूछा कि उसके पास ये ग्रंथ क्यों है।
जल्द ही मौके पर अन्य निहंग जमा हो गए और उन्हें शक हुआ कि लखबीर ने सरबलोह ग्रंथ का अपमान किया है। इसके बाद उन्होंने हंगामा कर दिया जिसके परिणामस्वरूप हिंसा हुई। हिंसा में पहले तो निहंगों ने लखबीर को मारा-पीटा और फिर उसके बाएं हाथ की कलाई काट दी। उसके पैरों को भी तोड़ दिया गया। बाद में लखबीर के बेहोश होने पर उसके शव को बैरिकेडिंग पर लटका दिया गया।
घटना के कई वीडियो भी सामने आए हैं। इनमें से एक वीडियो में निहंगों के एक समूह को पीड़ित के ऊपर चढ़ा हुआ देखा जा सकता है। पीड़ित के बाएं हाथ की कलाई कटी हुई है और जमीन पर बहुत खून बिखरा पड़ा है। एक दूसरे वीडियो में पीड़ित के शव को एक बैरिकेडिंग से रस्सी के सहारे लटका हुआ देखा जा सकता है और उसके दोनों हाथ बंधे हुए हैं। नीचे खून बिखरा पड़ा है।
किसान आंदोलन में शामिल ज्यादातर संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी करते हुए घटना की निंदा की है। मोर्चा ने अपने बयान में कहा, "हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि इस घटना के दोनों पक्षों का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है। हम किसी भी धार्मिक ग्रंथ या प्रतीक की बेअदबी के खिलाफ हैं, लेकिन इस आधार पर किसी भी व्यक्ति या समूह को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है।"
संयुक्त मोर्चा ने हत्या और बेअदबी के आरोपों की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है और प्रशासन और पुलिस को पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है। उसने कहा कि उनका शांतिमय आंदोलन किसी भी हिंसा का विरोध करता है।