
सोनम वांगचुक का उनकी पत्नी ने किया बचाव, लद्दाख हिंसा के लिए CRPF को ठहराया जिम्मेदार
क्या है खबर?
लद्दाख में गत दिनों हुई हिंसा के मामले में जेल में बंद कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने अपने पति का बचाव करते हुए उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं और पाकिस्तान से संबंध के आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने वांगचुक के विरोध प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बताते हुए 24 सितंबर को हुई हिंसा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को जिम्मेदार ठहराया है। बता दें, वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया है।
खारिज
अंगमो ने पाकिस्तान से संबंधों के आरोपों को ऐसे किया खारिज
अंगमो ने कहा, "हमने संयुक्त राष्ट्र द्वारा जलवायु परिवर्तन पर आयोजित एक सम्मेलन में भाग लिया। हिमालय की चोटी पर स्थित ग्लेशियर यह नहीं देखते कि वे पाकिस्तान में बह रहे हैं या भारत में। फरवरी में 'ब्रीद पाकिस्तान' सम्मेलन में वांगचुक की उपस्थिति एकीकृत पर्वतीय विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICIMOD) के तहत एक बहुराष्ट्रीय सहयोग का हिस्सा थी। ऐसे में उन पर पाकिस्तान के साथ संबंध रखने के आरोप लगाना पूरी तरह से गलत है।"
सवाल
अंगमो ने CRPF के गोली चलाने के निर्णय पर पूछा सवाल
हिंसा भड़काने के आरोपों के खिलाफ अपने पति का बचाव करते हुए अंगमो ने कहा, "लेह सर्वोच्च निकाय द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण था। सोनम को किसी भी अशांत योजना की जानकारी नहीं थी, लेकिन जब CRPF कर्मियों ने आंसू गैस के गोले दागे, तो युवकों ने प्रतिक्रिया दी और स्थिति बिगड़ गई।" सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया पर सवाल उठाते हुए उन्होंने पूछा, "CRPF को अपने ही लोगों पर गोली चलाने का अधिकार किसने दिया?"
भाषण
भड़काऊ भाषण के आरोपों पर क्या बोली अंगमो?
भड़काऊ भाषणों के आरोपों पर टिप्पणी करते हुए अंगमो ने कहा कि वांगचुक के शब्दों का गलत अनुवाद किया गया है और उन्हें संदर्भ से बाहर ले जाया गया है। उन्होंने राष्ट्र-विरोधी होने के आरोप को भी खारिज कर दिया और भारतीय सेना के आश्रयों के प्रति उनके समर्थन और चीनी सामानों के बहिष्कार की वकालत का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि CRPF ने गांधीवादी तरीके किए जा रहे विरोध प्रदर्शन पर कार्रवाई कर उसे हिंसात्मक बना दिया।
पृष्ठभूमि
हिंसा में हुई थी 4 लोगों की मौत
बता दें कि लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर 24 सितंबर को हुए विरोध प्रदर्शन में 4 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 90 अन्य घायल हो गए थे। वांगचुक को शुक्रवार को NSA के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल लाया गया। लद्दाख के अधिकारों के लिए 5 साल तक चले आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए उनकी गिरफ्तारी व्यापक रूप से चर्चा का विषय बन गई है।