
हिमाचल में बारिश जनित हादसों में अब तक 366 लोगों की मौत, जानिए कितना हुआ नुकसान
क्या है खबर?
हिमाचल प्रदेश में इस साल मानसून कहर बनकर टूटा है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन में अब तक भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं में 366 लोगों की मौत हो चुकी और 1,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इसी तरह 40 से अधिक लोग अभी भी लापता है। इतना ही प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य को अब तक 4,079 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
बारिश
राज्य में हुई 46 प्रतिशत अधिक बारिश
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, हिमाचल में 1 जून से 6 सितंबर तक 943.2 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य रूप से होने वाली 648.1 मिलिमीटर की तुलना में 46 प्रतिशत अधिक है। शिमला में 116 प्रतिशत और कुल्लू में 113 प्रतिशत बारिश हुई, जो सामान्य से दोगुनी है। इससे राज्य में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट को एक समर्पित मुख्य न्यायाधीश आपदा राहत कोष भी स्थापित किया है।
घटना
राज्य में सबसे ज्यादा हुई भूस्खलन की घटनाएं
आंकड़ों के अनुसार, राज्य में बादल फटने की 45, बाढ़ की 95 और भूस्खलन की 135 घटनाएं हुई हैं। राज्य में बारिश जनित प्राकृतिक आपदाओं और सड़क दुर्घटनाओं में 366 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 203 लोगों की मौत बारिश जनित घटनाओं में हुई है। राज्य में भूस्खलन में 42, डूबने से 34, बादल फटने से 17, बिजली गिरने से 15 और अचानक बाढ़ से 9 लोगों की मौत हुई है। 41 लोग अभी भी लापता हैं।
मौत
मंडी जिले में हुई सर्वाधिक 37 मौतें
आंकड़ों के अनुसार, बारिश जनित विभिन्न हादसों के कारण सबसे ज्यादा 32 मौतें मंडी जिले में हुई है। इसी तरह कांगड़ा में 31, कुल्लू में 25, चंबा में 21, शिमला में 21, किन्नौर में 14, हमीरपुर में 13, बिलासपुर में 11, ऊना में 10, सिरमौर में 7, सोलन में 7 और लाहौल एवं स्पीति में 6 मौतें हुई हैं। बारिश के कारण 4,000 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति और 79 करोड़ रुपये निजी संपत्ति का नुकसान पहुंचा है।
जानकारी
सड़क दुर्घटनाओं में 163 की मौत
राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में कुल 163 लोगों की मौत हुई हैं। इनमें चंबा और मंडी में 22-22, कांगड़ा और सोलन में 19-19, शिमला 18, किन्नौर 14, कुल्लू 13, ऊना 12, सिरमौर 11, बिलासपुर 7, हमीरपुर और लाहौल स्पीति में 3-3 मौतें शामिल हैं।
नुकसान
6,000 से अधिक मकान और दुकानें हुई क्षतिग्रस्त
आंकड़ों के अनुसार, राज्य में इस मानसून सीजन में बारिश जनित विभिन्न हादसों में 1,000 से अधिक मकान और दुकानें पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई। इनमें 6,025 मकान और 455 दुकानें या कारखाने शामिल हैं। इसी तरह मंडी-धरमपुर मार्ग, पुराना हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग और औट-सैंज मार्ग सहित कुल 869 सड़कें अवरुद्ध हैं। कुल्लू में सबसे अधिक 227 सड़कें, मंडी में 191, शिमला में 154 और चंबा में 116 सड़कें अवरुद्ध हैं।
जानकारी
1,464 पशुओं की भी हुई मौत
बारिश जनित हादसों में 3,390 घर और 40 झोपड़ियां आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुईं, जबकि 692 पक्के और 83 कच्चे घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। इसी तरह 1,464 पशुओं और 26,955 मुर्गी-पक्षियों की भी मौतें हुई हैं।
परेशानी
389 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुईं
शिमला जिले के सेब उत्पादक क्षेत्र में शिमला-थियोग मार्ग चैला के पास शनिवार से ही बंद है, क्योंकि क्षेत्र में लगातार भूस्खलन हो रहा है और सेब से लदे ट्रक और टेम्पो सहित बड़ी संख्या में वाहन मार्ग में फंसे हुए हैं। इसके अलावा, 1,572 बिजली ट्रांसफार्मर और 389 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हैं। इस बीच, चम्बा जिले के भरमौर-मणिमहेश में खोज एवं बचाव अभियान कल बंद कर दिया गया।