स्मृति ईरानी की मैकडॉनल्ड्स की नौकरी का PF सर्टिफिकेट होगा नीलाम, महिला कारीगरों को जाएगा पैसा
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी 1990 के दशक में मैकडॉनल्ड्स (McDonald's) में काम करती थीं। उनकी इस नौकरी के दौरान का एक प्रोविडेंट फंड (PF) सर्टिफिकेट अब नीलाम होने जा रहा है। इस नीलामी में मिलने वाला पैसा महिला कारीगरों के एक समूह को दिया जाएगा। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, औद्योगिक संगठन कॉटन टेक्सटाइल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (TEXPROCIL) यह नीलामी करवा रहा है। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
1,800 रुपये थी ईरानी की पहली सैलरी
TEXPROCIL के अधिकारियों और स्मृति ईरानी के बीच बातचीत से इस नीलामी की योजना बनी थी। ईरानी को पहली नौकरी की लिए यह ऑफर मिला था और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया। इसमें उन्हें टेबल और फर्श साफ करने होते थे। इस काम के बदले उन्हें हर महीने 1,800 रुपये मिलते थे। इससे पहले ईरानी ने एयर होस्टेस के लिए इंटरव्यू दिया था, लेकिन उन्हें इस नौकरी से 'अच्छी पर्सनैलिटी' नहीं होने के कारण बताकर खारिज कर दिया गया था।
मैकडॉनल्ड्स के बाद किया टीवी में काम
मैकडॉनल्ड्स में नौकरी करने के बाद ईरानी ने टीवी का रूख किया और 'क्योंकि सास भी कभी बहु थी' सीरियल से जाना-पहचाना नाम बन गईं। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने अपना PF का पैसा आजतक नहीं निकाला है।
ईरानी से सलाह के बाद लिया गया नीलामी का फैसला
TEXPROCIL के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि उन्होंने ईरानी का PF सर्टिफिकेट उन्होंने खोजा था। उन्होंने कहा, "जब हमने ईरानी को बताया कि हमें उनका अकाउंट मिला है तो हमने यह बात की कि इस पैसे को कैसे महिलाओं की बेहतरी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।" इसके बाद फैसला किया गया इस सर्टिफिकेट को नीलाम किया जाएगा और इस पैसे को मंत्रालय को सौंप दिया जाएगा।
नीलामी पर अंतिम निर्णय होना बाकी
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस नीलामी की योजना है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। अधिकारी ने कहा कि महिला कारीगरों के समूह की पहचान की जा रही है, जिन्हें मदद की जरूरत है।
प्रधानमंत्री मोदी को मिले तोहफों की भी हो चुकी है नीलामी
इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी को मिले तोहफों की नीलामी हुई थी। इसमें प्रधानमंत्री मोदी को मिले 1,800 से ज्यादा तोहफे नीलाम किए गए थे। इनमें से कई तोहफे अपने बेस प्राइस से कई गुणा कीमत पर नीलाम हुए थे। दिल्ली स्थित नेशनल गैलरी ऑफ मॉर्डन आर्ट (NGMA) में हुई नीलामी में उस पेंटिंग को पांच लाख रुपये में खरीदा गया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को रेलवे प्लेटफॉर्म पर दिखाया गया था।
पहली बार नीलाम हुए थे प्रधानमंत्री को मिले तोहफे
इस नीलामी की प्रक्रिया 9 फरवरी को पूरी हो गई थी। इतिहास में यह पहली बार है जब किसी प्रधानमंत्री को मिले तोहफों की नीलामी की गई है। इन तोहफों में प्रतीक चिन्ह, पगड़ी, शॉल, मूर्तियां, जैकेट और पारंपरिक वाद्य यंत्र आदि शामिल थे।