पश्चिम बंगाल में SIR के बाद डर का माहौल, बांग्लादेश जाने वालों का सीमा पर जमावड़ा
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया शुरू होते ही अवैध तरीके से रह रहे घुसपैठियों में डर का माहौल है। ये घुसपैठिये वापस बांग्लादेश जाने के लिए सीमा चौकियों पर इकट्ठा हो गए हैं। स्वरूप नगर थाना क्षेत्र के हकीमपुर चेकपोस्ट पर सतखीरा और खुलना जिले के सैकड़ों घुसपैठिए भारी-भरकम सामान लेकर बांग्लादेश वापस लौटने की कोशिश करते दिख रहे हैं। इनमें से कई को रोके जाने की खबर है।
रिपोर्ट
सीमा चेकपोस्ट पर बांग्लादेश जाने वालों की कतारें
आज तक के मुताबिक, SIR के डर से अवैध रूप से भारत में बसे बांग्लादेशी अपने वतन लौट रहे हैं। स्थानीय चेकपोस्ट पर बांग्लादेश जाने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इनमें से कुछ लोगों ने आज तक को बताया कि वे अलग-अलग राज्यों में मजदूरी का काम कर रहे थे। इनमें से कुछ रिक्शा चालक, निर्माण गतिविधयों में श्रमिक और ईंट भट्ठे में मजदूरी करते थे। ज्यादार लोग बांग्लादेश के सतखिरा और खुलना जिले के निवासी हैं।
बयान
लोगों ने स्वीकार किया- अवैध तरीके से भारत में घुसे थे
आज तक से बात करते हुए सतखीरा निवासी अब्दुल सरकार ने कहा, "हम कोलकाता में रह रहे थे। हमने रोजमर्रा की गतिविधियों के लिए भारत के दस्तावेज हासिल कर लिए थे, लेकिन अब परिवार के साथ गृहनगर सतखीरा वापस जा रहा हूं।" एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि वो कुछ साल पहले अवैध तरीके से परिवार के साथ भारत आया था और मजदूरी कर रहा था और अब सभी घर लौट रहे हैं।
दस्तावेज
लौट रहे कई लोगों के पास भारतीय दस्तावेज भी
न्यूज18 से बात करते हुए सतखीरा की रुकैया बेगम ने कहा, "मैं 6 साल पहले आई थी। मैं साल्ट लेक में रही। मैंने वोट भी दिया है। मुझे लक्ष्मी भंडार योजना का लाभ मिला, क्योंकि मेरा कार्ड दुआरे सरकार के जरिए बना था। मेरा नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं है, इसलिए मैं वापस जाना चाहती हूं।" रुकैया ने कहा कि कई दस्तावेज होने के बावजूद वह SIR प्रक्रिया के डर और अनिश्चितता के कारण वापस जाना चाहती हैं।
अन्य लोग
SIR के चलते लौट रहे लोग
सतखीरा की अनवरा बेगम ने कहा, "मैं 3 साल तक उत्तर 24 परगना में बिना किसी कागजात के रह रही थीं। SIR शुरू होने के बाद मैंने जाने का फैसला किया है।" मेहरुन बीवी ने कहा, "5 साल पहले मैं रात में परिवार के साथ आई थी। घुसपैठ में मदद करने के लिए दलाल ने 5,000 रुपये लिए थे। मैं नैहाटी में घरेलू कामकाज करती थी, लेकिन मैं कोई दस्तावेज नहीं बनवा सकी।"
BSF
BSF ने कहा- 3 जिलों की सीमा चौकियों पर संख्या बढ़ी
सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर 24 परगना, मुर्शिदाबाद और मालदा में सीमा के बिना तार वाले हिस्सों से लौटने की कोशिश कर रहे बांग्लादेशियों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी देखी गई है। BSF जवानों ने कहा कि सीमा चौकियों पर छोटे बैग और सामान लेकर लोगों की कतारें लग रही है, जो खुलेआम स्वीकार कर रहे हैं कि वे बांग्लादेशी हैं और सालों पहले गैर-कानूनी तरीके से भारत में आए थे।
प्रक्रिया
SIR को लेकर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक सरगर्मी भी तेज
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार SIR का विरोध कर रही हैं। उनका कहना है कि ये प्रक्रिया अराजक, खतरनाक और मतदाता सूची से लोगों का नाम काटने का षडयंत्र है। ममता इसके खिलाफ राज्य में मार्च भी निकाल चुकी है। वहीं, भाजपा का कहना है कि पश्चिम बंगाल में हजारों की संख्या में घुसपैठिए हैं, जिन्हें निकालने के लिए SIR जरूरी है। इसे लेकर राज्य में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है।