सिक्किम बाढ़: मरने वालों की संख्या 80 पार, बचाव कार्य में जुटी वायुसेना
सिक्किम में 4 अक्टूबर को बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई थी। इस बाढ़ में मरने वालों का आंकड़ा दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार को बचावकर्मियों ने अब तक 10 सेना के जवाने सहित 34 शव बरामद किये हैं। मौके पर अभी भी सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। आज सुबह लाचेन में फंसे पर्यटकों के पहले जत्थे को एयरलिफ्ट किया गया है।
मौसम खुलने के साथ ही वायुसेना राहत बचाव कार्य में जुटी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाढ़ प्रभावित सिक्किम में आज मौसम खुलने के साथ ही भारतीय वायुसेना ने अपना बचाव और राहत अभियान शुरू कर दिया है। यहां लाचेन में फंसे हुए पर्यटकों के पहले जत्थे को वायुसेना के हेलीकॉप्टर द्वारा एयरलिफ्ट करते हुए मंगन जिले के रिंगिम हेलीपैड पर उतारा गया है। सिक्किम में बाढ़ आने के बाद से लाचेन और लाचुंग क्षेत्र में 3,000 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं।
लाचेन में फंसे पर्यटकों को मंगन हेलीपैड पहुंचाया गया
सिक्किम बाढ़ में मरने वालों का आंकड़ा 80 के पार
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 82 पहुंच गई है। रविवार को तीस्ता नदी किनारे से बचावकर्मियों ने 9 शवों को बरामद किया है, जबकि कम से कम 140 अन्य लापता हैं। बताया जा रहा है कि सेना और NDRF की टीमों ने 82 में से 49 शव पश्चिम बंगाल के कूच बिहार, जलपाईगुड़ी के अलावा बांग्लादेश के बॉर्डर पर नदी तट से बरामद किए हैं।
बाढ़ प्रभावित इलाकों से 5,000 से अधिक लोगों को बाहर निकाला
सिक्किम में पिछले 6 दिनों में बाढ़ प्रभावित इलाकों से 5,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि सिक्किम के उत्तरी क्षेत्र के कई हिस्से में अभी भी पर्यटक फंसे हुए हैं। भारतीय सेना इन पर्यटकों को तब तक सुरक्षित रखने का हरसंभव प्रयास कर रही है, जब तक कि उन्हें बाढ़ प्रभावित इलाकों से बाहर नहीं निकाला जाता। यहां खराब मौसम की वजह से बीते दिनों से वायुसेना के हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे हैं।
बाढ़ में सबसे ज्यादा चुंगथांग शहर में मचाई तबाही
सिक्किम में बाढ़ की चपेट में आकर कुल 13 पुल बह गए, जिसमें अकेले मंगन जिले के 8 पुल शामिल हैं। सबसे ज्यादा तबाही चुंगथांग शहर में हुई है और यहां 80 फीसदी हिस्सा बाढ़ की चपेट में है। बाढ़ के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 10 भी कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त है, जिसके कारण कई जिलों के बीच सड़क संपर्क टूट गया है। राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए गृह मंत्रालय ने अंतर-मंत्रालयीय समिति बनाई है।
कैसे आई बाढ़?
उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से झील में अचानक पानी बढ़ गया था। इस वजह से झील टूट गई और इसका पानी एक साथ निचले इलाके में स्थित चुंगथांग बांध की ओर बहने लगा। अचानक आए तेज बहाव को बांध सहन नहीं कर सका और टूट गया। इससे तीस्ता नदी का जलस्तर 15 से 20 फीट बढ़ गया और आसपास के इलाकों में बाढ़ आ गई और इसकी चपेट में आकर कई लोग लापता है।