दिल्ली: कोरोना के बाद गंभीर जटिलताओं से जूझ रहे लोग, होना पड़ रहा अस्पताल में भर्ती
राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के दैनिक मामले भले ही कम होने लगे हैं, लेकिन महामारी के खिलाफ लड़ाई अभी लंबी चलने वाली है। दरअसल, राजधानी दिल्ली में ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिनमें कोरोना महामारी से ठीक होने के बाद गंभीर किस्म की जटिलताएं देखने को मिल रही हैं। रोजाना बड़ी संख्या में ऐसे मरीज डॉक्टरों के पास आ रहे हैं और उनमें इस बार पहली लहर की तुलना में गंभीर लक्षण नजर आ रहे हैं।
ठीक होने के बाद भी मरीजों को पड़ रही ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत
पहली लहर के दौरान संक्रमण से ठीक होने के बाद कुछ मरीजों को थकान और हल्के बुखार जैसे लक्षण महसूस होते थे, लेकिन इस बार महामारी से ठीक होने के बाद भी कई दिनों तक लोगों को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है।
जवान लोगों में भी दिख रहे लक्षण- डॉक्टर
दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल से जुड़े डॉ विवेक नांगिया ने NDTV को बताया, "हमारी OPD में 70-80 प्रतिशत मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिन्हें संक्रमण से ठीक होने के बाद परेशानी हो रही है। आमतौर पर 65 साल से अधिक उम्र और धुम्रपान करने वाले लोगों के फेफड़ों में परेशानी होती है, लेकिन इस बार जवान लोगों और बच्चों में भी ऐसे लक्षण नजर आ रहे हैं। कई मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ डिस्चार्ज किया गया है।"
मरीजों को कई हफ्तों बाद तक भी तेज बुखार
डॉक्टरों का कहना है कि महामारी से ठीक हो चुके मरीजों में महीनों बाद भी तेज बुखार देखा जा रहा है। इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ सुरनजीत चटर्जी ने कहा कि कई मरीजों को ठीक होने के 3-4 हफ्ते बाद भी तेज बुखार है। पहली लहर के दौरान भी लोगों को बुखार हो रहा था, लेकिन इस बार यह ज्यादा तेज है। उन्होंने कहा कि इस बार मरीजों में दूसरे लक्षण भी नजर आ रहे हैं।
सीधे ICU में भर्ती हो रहे कई मरीज
डॉ चटर्जी ने कहा, "ब्लैक फंगस के अलावा हम लंग फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शंस के मामले भी देख रहे हैं। ये पहली लहर की तुलना में ज्यादा है। हालिया दिनों में हमारे अस्पताल में जो मरीज हैं, उनमें से 80 प्रतिशत संक्रमण के बाद होने वाली जटिलताओं के कारण भर्ती हुए हैं।" कुछ मरीजों में ये जटिलताएं इस कदर तक बढ़ चुकी थीं कि उन्हें फिर से इन्टेंसिव केयर यूनिट (ICU) में भर्ती करवाना पड़ा था।
"अधिकतर मरीजों को ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की जरूरत"
ओखला स्थित फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हर्ट इंस्टीट्यूट के ICU के एडिशनल डायरेक्टर डॉ रजत अग्रवाल ने कहा कि अलग-अलग समस्याओं के साथ रोजाना 3-4 मरीज ICU में भर्ती हो रहे हैं। इनमें से ज्यादातर को वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है।
कई मरीजों में लंबे समय तक रहते हैं लक्षण
जानकारों का कहना है कि कोरोना वायरस की चपेट में आए अधिकतर लोगों में इसके हल्के लक्षण नजर आते हैं, लेकिन कई लोगों पर लंबे समय तक इसका असर रहता है। उन्हें ठीक होने के कई महीनों बाद तक थकान, बदनदर्द, बुखार और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण झेलने पड़ते हैं। अगर ये लक्षण चार सप्ताह से ज्यादा समय तक जारी रहते हैं तो इसे 'लॉन्ग कोविड' कहा जाता है।
क्या होता है लॉन्ग कोविड?
कई जानकारों का मानना है कि संक्रमण के बाद निमोनिया होने से फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है, जिससे सेहत खराब रहने लगती है। कुछ समय के बाद अधिकतर वायरस शरीर से निकल जाता है, लेकिन यह कई बार थोड़ी-बहुत मात्रा में शरीर में रह जाता है, जिससे अलग-अलग परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। कुछ यह भी मानते हैं कि संक्रमण के बाद इम्युन सिस्टम पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाता, जिससे आदमी बीमार रहने लगता है।
दिल्ली में कम होने लगे कोरोना के मामले
महामारी की चौथी लहर झेल चुकी राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले कम होने लगे हैं और पॉजीटिविटी रेट गिरकर 0.68 प्रतिशत हो गई है। बीते दिन राजधानी में कोरोना के 523 मामले सामने आए और 50 मौतें हुईं। इसी के साथ यहां संक्रमितों की कुल संख्या 14,24,449 हो गई है। इनमें से 8,060 सक्रिय मामले हैं, 13,95,892 लोग महामारी को हराकर ठीक हो चुके हैं और 24,497 लोगों की मौत हुई है।