गीतकार जावेद अख्तर के खिलाफ मानहानि का मामला वापस, RSS की तालिबान से की थी तुलना
गीतकार और लेखक जावेद अख्तर को मानहानि के खिलाफ मामले में राहत मिली है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना तालिबान से करने पर अख्तर के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। इंडिया टुडे के मुताबिक, मुंबई में वकील संतोष दुबे ने बताया कि 8 नवंबर को मुलुंड मजिस्ट्रेट कोर्ट को सूचित किया कि मामला मध्यस्थता से पक्षों के बीच सुलझा लिया गया है। दुबे ने खुद को RSS का सदस्य बताया था।
दुबे के अनुरोध पर कोर्ट ने मामले का निपटारा किया
रिपोर्ट के मुताबिक, दुबे के अनुरोध के बाद कोर्ट ने मामले का निपटारा करते हुए अख्तर को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत आरोपों से बरी कर दिया है। ये धाराएं मानहानि से संबंधित है, जिसके लिए अधिकतम 2 साल की सजा का प्रावधान है। दुबे ने पिछले सप्ताह कोर्ट में उपस्थित होकर अपनी शिकायत वापस लेने का अनुरोध किया था। इसके बाद कोर्ट ने अख्तर को राहत दी।
क्या है मामला?
अख्तर ने 2021 में एक टेलीविजन पर साक्षात्कार के दौरान RSS की तुलना तालिबान से की, जिसके बाद दुबे ने उनको नोटिस भेजकर माफी मांगने को कहा अन्यथा 100 करोड़ रुपये हर्जाना मांगने की धमकी दी। अख्तर ने उनकी बात नहीं सुनी तो दुबे ने 2022 में मुलुंड कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई। कोर्ट ने अख्तर को समन जारी कियो तो अख्तर ने इसे मुंबई सत्र कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने 2023 में अख्तर की याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने क्या कहा था?
कोर्ट ने यह कहते हुए अख्तर की याचिका खारिज की कि अख्तर की टिप्पणियों के कारण दुबे की प्रतिष्ठा उनके दोस्तों और ग्राहकों के बीच कम हुई थी क्योंकि दुबे इसी विचारधारा का पालन करते हैं। कोर्ट द्वारा याचिका खारिज करने के बाद अख्तर को कोर्ट के सामने पेश होना था, लेकिन कई बार स्थगन के बाद दुबे ने 8 नवंबर को कोर्ट में जाकर मामला वापस लेने की अर्जी डाल दी।