ट्रेन में नफरती अपराध: RPF ने आरोपी के साथ तैनात 2 कॉन्स्टेबल को नौकरी से निकाला
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) ने पिछले साल 31 जुलाई को जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में तैनात 2 और कॉन्स्टेबल को नौकरी से निकाल दिया है। ये दोनों उस ट्रेन में तैनात थे, जिसमें कॉन्स्टेबल चेतन सिंह चौधरी ने कथित तौर पर नफरती अपराध में अपने एक वरिष्ठ अधिकारी और 3 अन्य यात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। रेलवे ने अपनी ड्यूटी में असफल रहने पर अब कॉन्स्टेबल अमय आचार्य और नरेंद्र परमार को नौकरी से निकाला है।
यात्रियों की सुरक्षा करने में नाकाम रहे दोनों कर्मचारी- आदेश
रेलवे ने इन 2 को नौकरी से निकालने के आदेश में लिखा है कि ड्यूटी पर तैनात कॉन्स्टेबल की जिम्मेदारी थी कि वो यात्रियों की सुरक्षा करे, लेकिन ये ऐसा करने में असफल हुए। ये दोनों यात्रियों को बचाने और हस्तक्षेप करने की बजाय छिप गए थे। बता दें कि रेलवे पुलिस ने आचार्य को इस घटना का शिकायतकर्ता बनाया है, जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से परमार एक मुख्य गवाह है।
पहले ही जा चुकी है चौधरी की नौकरी
इस मामले में मुख्य आरोपी चौधरी को पहले ही नौकरी से निकाल दिया गया था और वह अभी अकोला जेल में बंद है। आरोप है कि उसने 4 लोगों की हत्या करने के बाद नफरती भाषण दिया था। इसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। घटना के बाद चौधरी के परिजनों ने उसके मानसिक तौर पर बीमार होने का दावा किया था, लेकिन चार्जशीट में पुलिस ने बताया कि वह मानसिक तौर पर पूरी तरह स्वस्थ था।