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दिल्ली कोर्ट के जज ने जमानत के बदले मांगी रिश्वत, हाई कोर्ट ने कर दिया ट्रांसफर
राउज एवेन्यू कोर्ट के एक जज पर जमानत के बदले रिश्वत मांगने का आरोप लगा है

दिल्ली कोर्ट के जज ने जमानत के बदले मांगी रिश्वत, हाई कोर्ट ने कर दिया ट्रांसफर

लेखन आबिद खान
May 24, 2025
11:24 am

क्या है खबर?

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के एक विशेष न्यायाधीश और कोर्ट अहलमद (क्लर्क या अधिकारी) पर एक मुकदमे के आरोपियों को जमानत देने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। मामला सामने आने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने उक्त जज का ट्रांसफर कर दिया है, जबकि अहलमद के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। मामले का खुलासा इसी साल जनवरी में दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) के द्वारा लिखे गए एक पत्र के बाद हुआ था।

मामला

क्या है मामला?

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 29 जनवरी को ACB ने विधि, न्याय और विधायी मामलों के विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर राउज एवेन्यू कोर्ट के एक विशेष न्यायाधीश और उनके अहलमद के खिलाफ जांच शुरू करने की अनुमति मांगी थी। प्रधान सचिव ने यह अनुरोध दिल्ली हाई कोर्ट को भेजा, जिसने 14 फरवरी को इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि ACB के पास न्यायाधीश के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है।

आरोप

जज पर क्या हैं आरोप?

ACB ने पत्र में अप्रैल, 2023 में एक GST अधिकारी के खिलाफ फर्जी फर्मों को GST रिफंड मंजूर करने के आरोप में दर्ज मामले का जिक्र किया है। इस मामले में ACB ने एक GST अधिकारी, 3 अधिवक्ता, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट समेत 16 लोगों को गिरफ्तार किया और न्यायाधीश के समक्ष पेश किया, जहां से ये सभी हिरासत में भेज दिए गए। ACB ने बताया कि जब आरोपियों ने जमानत याचिकाएं दाखिल कीं तो इन पर सुनवाई टाल दी गई।

रिश्वत

जमानत के बदले मांगी एक करोड़ रुपये रिश्वत

30 दिसंबर, 2024 को ACB को GST अधिकारी के एक रिश्तेदार ने ईमेल किया। इसमें उन्होंने आरोप लगाए कि कोर्ट के अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया था और GST अधिकारी की जमानत के लिए 85 लाख और बाकी सभी आरोपियों की जमानत के लिए 1-1 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी। ACB को 20 जनवरी को एक और शिकायत मिली। इसमें कहा गया कि कोर्ट अधिकारी ने 3 आरोपियों की जमानत के बदले 15-20 लाख रुपये मांगे।

FIR

अहलमद के खिलाफ हुई FIR

ACB ने 16 मई को अहलमद के खिलाफ FIR दर्ज की। इसके बाद अहलमद ने राउज एवेन्यू कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की। इस पर सुनवाई के दौरान अहलमद के वकीलों ने तर्क दिया कि ACB ने अहलमद के खिलाफ 'झूठी और मनगढ़ंत FIR' दर्ज की और विशेष न्यायाधीश को 'फंसाने की कोशिश' की थी। वहीं, ACB ने इस आधार पर जमानत का विरोध किया कि अहलमद मुख्य आरोपी है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है।