RJD नेता प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा, डबल मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने साल 1995 के मशरख डबल मर्डर मामले में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने मृतक के परिवारों को 10-10 लाख रुपये और घायल के परिवार को 5 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। इस संबंध में पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
क्या है मामला?
1995 में बिहार में विधानसभा चुनाव के दौरान छपरा के मशरख में राजेंद्र राय और दरोगा राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप था कि ये हत्या प्रभुनाथ ने करवाई, क्योंकि दोनों ने प्रभुनाथ समर्थित उम्मीदवार को वोट नहीं दिया था। इस चुनाव में प्रभुनाथ की हार हो गई और उन्होंने विजयी प्रत्याशी अशोक सिंह को 90 दिनों के अंदर मारने की धमकी दी थी। ठीक 90 दिन बाद अशोक की भी हत्या कर दी गई।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ऐसा मामला कभी नहीं देखा
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एएस ओका की संयुक्त पीठ कर रही थी। इस दौरान जस्टिस नाथ ने पूछा कि प्रभुनाथ सिंह की उम्र कितनी है? उनके वकील ने बताया कि वे 70 साल के हैं। इसके बाद जस्टिस नाथ ने कहा कि आज से पहले ऐसा मामला कभी नहीं देखा। सुनवाई के दौरान प्रभुनाथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए थे।
हाई कोर्ट ने कर दिया था बरी
इस मामले की सुनवाई पहले छपरा में चल रही थी, लेकिन मृतक के भाई ने गवाहों को धमकी मिलने के बाद मामले को पटना ट्रांसफर करने की मांंग की थी। 2008 में पटना की अदालत ने प्रभुनाथ को बरी कर दिया था। इस फैसले को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। 2012 में पटना हाई कोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया था। इसके बाद मृतक के भाई ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
कौन हैं प्रभुनाथ सिंह
प्रभुनाथ साल 1985 में पहली बार निर्दलीय चुनाव लड़कर विधायक बने थे। 1990 में RJD में शामिल हो गए और विधानसभा चुनाव जीता। इसके बाद RJD और जनता दल (युनाइटेड) के टिकट पर 1998, 1999, 2004 और 2013 में महाराजगंज सीट से सांसद का चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। प्रभुनाथ के भाई तारकेश्वर सिंह भी विधायक रह चुके हैं। अशोक सिंह की हत्या मामले में भी प्रभुनाथ को उम्रकैद सजा हुई है और वर्तमान में वे हजारीबाग जेल में बंद हैं।