जम्मू-कश्मीर: कांग्रेस नेताओं पर फिर लगी पाबंदियां, बाहर आने-जाने पर रोक
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रमुख जीए मीर और पूर्व मुख्यमंत्री तारा चंद को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपने घरों में रहने को कहा है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद नजरबंद किए गए इन नेताओं को दो महीने पहले रिहा किया गया था। अब एक बार फिर उनके घुमने-फिरने पर पाबंदी लगा दी गई है। अगस्त में इन दोनों नेताओं को पूर्व मंत्रियों रमन भल्ला, मुला राम और दूसरे पार्टी नेताओं को हिरासत में लिया गया था। अक्टूबर में इनकी रिहाई हुई थी।
राजनीतिक कार्यक्रमों की शुरुआत करने वाले थे कांग्रेस नेता
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मीर ने बताया कि अगले दो दिनों में पार्टी के नेताओं का उधमपुर, रामबाण, अनंतनाग और श्रीनगर के कार्यकर्ताओं से मिलने का कार्यक्रम था। इसे लेकर उन्होंने सोमवार को पुलिस को सूचित कर दिया था। सोमवार रात को सुरक्षाबलों ने उन्हें बताया कि वो ये दौरा नहीं कर सकते। मंगलवार सुबह पुलिस ने उन्हें बताया कि वो बाहर नहीं जा सकते और उन्हें घर में ही रहना होगा।
पुलिस ने कही ऊपर से निर्देश मिलने की बात
जब इन नेताओं ने पुलिसकर्मियों से हिरासत को लेकर सवाल किए तो उन्होंने बताया कि उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों से आदेश मिले हैं। मीर ने हैरानी जताते हुए कहा कि एक तरफ प्रशासन राजनीतिक गतिविधियां फिर से शुरू करने की बात कह रहा है वहीं दूसरी तरफ वह हमारे आने-जाने पर प्रतिबंध लगा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच महीनों में उनका यह पहला राजनीतिक दौरा था, जो अब रद्द करना पड़ा है।
सोमवार को रिहा किए गए थे 5 नेता
सोमवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हिरासत में लिये गए पांच नेताओं को रिहा कर दिया था। इन नेताओं में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) विधायक जहूर मीर, बशीर मीर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के डॉक्टर गुलाम नबी, पूर्व विधायक और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता इशफाक जब्बार और पूर्व विधायक यासीर रेशी शामिल थे। इन्हें सोमवार दोपहर श्रीनगर के विधायक हॉस्टल से रिहा किया गया था। यहां अभी भी एक दर्जन से ज्यादा नेता नजरबंद हैं।
अमित शाह की बैठक में हुआ रिहाई की फैसला
इन नेताओं की रिहाई का फैसला गृह मंत्री अमित शाह की समीक्षा बैठक में हुआ था। इसके बाद राज्य के DGP ने श्रीनगर पहुंचकर पुलिस कंट्रोल रूम में बैठक की थी। बताया जा रहा है कि जल्द ही दूसरे नेताओं की रिहाई हो सकती है।