ड्रोन हमला: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले- हमलावर को समुद्र तल से भी ढूंढ निकालेंगे
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरब सागर में व्यावसायिक जहाज पर हमले को लेकर बड़ा बयान दिया । उन्होंने कहा, "भारतीय नौसेना ने समुद्र की निगरानी बढ़ा दी है और जिन्होंने भी इस हमले को अंजाम दिया है, उन्हें हम समुद्र तल से भी ढूंढ निकालेंगे और उनके खिलाफ कठोर कारवाई की जाएगी।" बता दें कि हाल में गुजरात के पोरबंदर तट के पास MV केम प्लूटो जहाज पर ड्रोन हमला हुआ था।
क्या है मामला?
भारतीय नौसेना ने मंगलवार को अरब सागर क्षेत्र में लंबी दूरी तक निगरानी के लिए टोही विमान P-8I के अलावा INS मोरमुगाओ, INS कोच्चि और INS कोलकाता को तैनात कर दिया है। नौसेना ने यह निर्णय 23 दिसंबर की सुबह व्यापारिक जहाज MV केम प्लूटो पर ड्रोन हमले के बाद लिया है। अमेरिका ने दावा किया है कि इस व्यापारिक जहाज पर ड्रोन हमला ईरान ने किया था। दूसरी ओर ईरान में अमेरिका के दावों को झूठा बताया है।
राजनाथ बोले- भारत संपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध
रक्षा मंत्री सिंह ने मंगलवार को मुंबई में नौसेना डोकयार्ड में आयोजित 'INS इम्फाल' युद्धपोत के कमीशनिंग कार्यक्रम को दौरान यह बयान दिया है। उन्होंने कहा, "सरकार ने अरब सागर और लाल सागर में व्यवसायिक जहाजों पर हुए ड्रोन हमले को बहुत गंभीरता से लिया है। भारत संपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।" उन्होंने कहा, "भारत सरकार 'मित्र राष्ट्रों' के साथ मिलकर क्षेत्र में समुद्री व्यापार की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।"
लाल सागर में भारत का झंडा लगे जहाज पर हुआ था हमला
हाल में लाल सागर में भी गैबॉन के स्वामित्व वाले जहाज MV साईबाबा पर हमला हुआ था, जिस पर भारत का झंडा लगा हुआ है। यह जहाज अपने साथ कच्चा तेल लेकर जा रहा था। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने कहा था कि 13 दिसंबर की रात एक अमेरिकी युद्धपोत को इस हमले के बाद इमरजेंसी कॉल भेजा गया था और यमन के हूती विद्रोहियों ने जहाज पर ड्रोन से हमला किया। हालांकि, इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ था।
व्यापारिक जहाजों पर हमले की क्या है वजह?
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) के समन्वयक कमांडर ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रजा नकदी ने चेतावनी दी कि जब तक इजरायल-हमास युद्ध नहीं रुकता, तब तक अन्य जलमार्गों को जबरन बंद कर दिया जाएगा। इस बीच यमन के हूती विद्रोहियों भी हमास के समर्थन में लगातार लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं। विद्रोहियों ने लाल सागर में 100 से अधिक हमले किए हैं, जिसमें 35 से अधिक विभिन्न देशों के 10 व्यापारिक जहाजों को नुकसान पहुंचा है।