
जैसलमेर में स्लीपर बस में कैसे लगी आग, जिसमें 20 यात्री जिंदा जल गए?
क्या है खबर?
राजस्थान के जैसलमेर में मंगलवार (14 अक्टूबर) दोपहर को एक स्लीपर बस में आग लगी थी, जिसमें जलकर 20 यात्रियों की मौत हो गई। हादसे के समय बस में 57 यात्री सवार थे। हादसा दोपहर करीब 3 बजे थईयात गांव में वार म्यूजियम के पास हुआ था। बस जैसलमेर से जोधपुर जा रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये देने की घोषणा की है।
हादसा
AC बस को स्लीपर में बदला
केके ट्रैवल्स द्वारा संचालित बस को 5 दिन पहले जैसलमेर-जोधपुर मार्ग पर चलाया गया था। बताया जा रहा है कि पहले यह AC बस थी, जिसे अधिक कमाने के चक्कर में स्लीपर कोच में बदल दिया गया था। बस के पिछले हिस्से से दोपहर 3 बजे अचानक धुआं निकलने लगा। जब तक बस रोककर धुआं निकलने का कारण पता लगाते, आग ने बस को घेरना शुरू कर दिया। किसी तरह कुछ यात्री खिड़कियों से कूदे, जबकि कुछ अंदर रह गए।
आग
कैसे हुआ हादसा?
बताया जा रहा है कि बस के पिछले हिस्से में शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी। इसके अलावा AC का कंप्रेशर फटने से भी आग लगने की संभावना है। बस को स्लीपर बनाने के चक्कर में उसमें फाइबर बॉडी और पर्दे लगाए गए थे, जिसने आग को बढ़ाने का काम किया। बस की खिड़कियां मजबूत कांच की थी। आग लगते ही बस का एकमात्र दरवाजा लॉक हो गया। आपातकालीन दरवाजा न होने से लोग अंदर फंस गए और जल गए।
परिवार
एक परिवार के 5 लोगों ने दम तोड़ा
हादसे में एक ही परिवार के 5 लोगों ने दम तोड़ दिया है, जिसमें महेंद्र मेघवाल उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा शामिल है। पांचों लोगों को बस से बाहर निकलने का समय नहीं मिला और अंदर ही जल गए। वे बालेसर के लावारान शेतरावा गांव के रहने वाले थे और जैसलमेर की इंद्रा कॉलोनी में किराए पर रहते थे। बस में जले यात्रियों के शवों की पहचान नहीं हो सकी है। उनकी DNA जांच कराई जा रही है।