रेलवे पुलिस की लापरवाही की हद, घायल को अस्पताल पहुंचाने की बजाय नहर में फेंका
उत्तर प्रदेश में रेलवे पुलिस की लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के एक कॉन्स्टेबल को एक घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाने के लिए कहा गया था, लेकिन उसने उसे अस्पताल ले जाने की जगह कथित तौर पर नहर में फेंक दिया। हालांकि, कॉन्स्टेबल ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा है कि घायल व्यक्ति उसके साथ नहीं था। RPF ने भी कॉन्स्टेबल का बचाव किया है। आइये, यह पूरा मामला जानते हैं।
अररिया जिले का है मामला
यह मामला अररिया जिले के अचल्दा का है। यहां स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पर बिहार के नवादा निवासी तुलसी चौधरी का इलाज चल रहा था। तुलसी रविवार रात को गरबा एक्सप्रेस में चढ़ने के दौरान गिर गए थे। इसके बाद RPF ने उन्हें अचल्दा CHC में भर्ती कराया। CHC के डॉक्टर सुबोध सिंह ने बताया कि गर्दन में चोट के कारण तुलसी को सैफई मेडिकल कॉलेज में रेफर करना था। इसके लिए RPF को सूचना दी गई।
डॉक्टर का दावा- मरीज को लेकर रवाना हुआ था कॉन्स्टेबल
सुबोध ने बताया कि मरीज के साथ सैफई जाने के लिए RPF की तरफ से कॉन्स्टेबल राम राज को भेजा गया। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस ड्राइवरों की हड़ताल के कारण कॉन्स्टेबल उनसे रेफरल स्लीप लेकर मरीज के साथ सैफई के लिए रवाना हो गया।
अस्पताल की जगह नहर में मिला घायल व्यक्ति
सोमवार को कुछ लोगों ने तुलसी को नहर में पाया। उन्होंने तुलसी को बाहर निकाला और डॉक्टरों को सूचित किया। अचल्दा CHC के सुपरींटेंडेंट डॉक्टर सिद्धार्थ वर्मा ने कहा कि डॉक्टरों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर तुलसी को नहर से निकाला और उनका इलाज किया। वहां से तुलसी को सैफई मेडिकल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। सिद्धार्थ ने बताया कि इस घटना के बाद उन्होंने कॉन्स्टेबल के काम को लेकर RPF में शिकायत दी।
RPF ने किया आरोपों का खंडन
सिद्धार्थ ने कहा कि आरोपी कॉन्स्टेबल पहले भी ऐसे घटनाओं को अंजाम दे चुका है। वहीं RPF ने अपने कॉन्स्टेबल पर लगे आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि डॉक्टरों ने रेफरल स्लीप नहीं दी थी। RPF ने कहा कि कॉन्स्टेबल को नहीं पता कि मरीज नहर में कैसे पहुंचा। हालांकि, RPF ने SHO को इस मामले की जांच सौंपी है। जल्द ही सभी पक्षों से इस संबंध में बयान लिए जाएंगे।