गांधी सरनेम से परेशान हुए राहुल, नाम बदलने पर कर रहे विचार
क्या है खबर?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी राजनीति में चुनौतियों से जूझ रहे हैं, वहीं इंदौर के राहुल गांधी अपने नाम की वजह से परेशान हैं।
दरअसल, इंदौर के कपड़ा व्यापारी राहुल गांधी को उनके नाम की वजह से ना तो कोई कंपनी सिमकार्ड दे रही है और ना ही कोई बैंक लोन देने को राजी है।
और तो और जब वो किसी को फोन पर बताते हैं कि राहुल गांधी बोल रहा हूं तो लोग फर्जी कॉल समझकर फोन काट देते हैं।
सरनेम बना परेशानी
'गांधी' से परेशान हुए राहुल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहुल ने बताया कि पहचान के लिए उनके पास केवल आधार कार्ड है।
जब इसके सहारे वो सिम कार्ड लेने या किसी दूसरी चीज के लिए अपना आधार कार्ड दिखाते हैं तो लोग उनके नाम की वजह से उन्हें संदेह की निगाह से देखते हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलता नाम होने के कारण लोग उनके आधार कार्ड को फर्जी समझते हैं।
इस वजह से उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
परेशानी
फर्जी कॉलर समझकर फोन काट देेते हैं लोग
राहुल ने बताया कि जब वह किसी को पहली बार फोन कर अपना नाम बताते हैं तो लोग फर्जी कॉलर समझकर फोन काट देते हैं। लोग उन्हें कहते हैं कि राहुल गांधी कब से इंदौर में रहने लगे।
उन्होंने बताया कि उनके नाम के कारण उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस, सिमकार्ड, लोन समेत कई जरूरी दस्तावेज बनवाने में परेशानी हो रही है।
लोग उनके आधार कार्ड को भी फर्जी समझते हैं।
सरनेम की कहानी
कैसे पड़ा यह नाम
दरअसल, राहुल के राहुल गांधी बनने की कहानी दिलचस्प है।
राहुल के दिवंगत पिता राजेश मालवीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) में वॉशरमैन के रूप में काम करते थे।
उनके स्वभाव की वजह से उनके साथी कर्मचारी और अधिकारी उन्हें 'गांधी' कहकर बुलाते थे।
उन्हें ये नाम इतना अच्छा लगा कि उन्होंने स्कूल में अपने बेटे का नाम राहुल मालवीय की जगह राहुल गांधी लिखवा दिया। तब से राहुल मालवीय, राहुल गांधी हो गए।
जानकारी
अपना सरनेम बदलने पर विचार कर रहे राहुल
राहुल ने बताया कि उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। उनके सरनेम से उन्हें परेशानी हो रही है इसलिए वो इस बदलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया के जरिए अपना सरनेम गांधी से बदलकर मालवीय करने पर विचार कर रहा हूं।