पूजा खेडकर के MBBS दाखिले पर भी खड़ा हुआ सवाल, कॉलेज निदेशक ने किया बड़ा खुलासा
महाराष्ट्र के पुणे में पद के दुरुपयोग को लेकर विवादों से घिरी ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को लेकर अब एक और खुलासा हुआ है। यह मामला उनके MBBS में दाखिले को लेकर है। सामने आया है कि 17 करोड़ की मालकिन होने के बाद भी उन्होंने खुद को गरीब बताकर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) नॉन-क्रिमीलेयर कोटे से न केवल IAS की नौकरी हासिल की, बल्कि MBBS में भी दाखिला लिया था। उनके कॉलेज के निदेशक ने यह खुलासा किया है।
कॉलेज निदेशक ने क्या दिया बयान?
खेडकर IAS बनने से पहले पेशे से डॉक्टर थीं। उन्होंने 2007 में पुणे के श्रीमती काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज और जनरल अस्पताल में MBBS में दाखिला लिया था। इस मामले में अब कॉलेज के निदेशक अरविंद भोरे ने TOI को बताया कि खेडकर ने आरक्षित खानाबदोश जनजाति-3 श्रेणी के तहत नॉन-क्रीमीलेयर OBC प्रमाणपत्र पेश करके MBBS में दाखिला लिया था। भोरे ने बताया कि खेडकर ने कुल 200 में से 146 अंक हासिल कर प्रवेश प्राप्त किया था।
नॉन-क्रीमीलेयर OBC प्रमाणपत्र में मिलता है आरक्षण का लाभ
बता दें कि नॉन-क्रीमीलेयर OBC प्रमाणपत्र से उम्मीदवार को शिक्षा, सरकारी नौकरी सहित अन्य सुविधाओं में आरक्षण मिलता है। यह प्रमाणपत्र बेहद गरीब लोगों को दिया जाता है। हालांकि, खेडकर के मामले में ऐसा नहीं है। खेडकर के पास वर्तमान में 17 करोड़ से भी ज्यादा की संपत्ति है। उनकी सालाना कमाई 42 लाख रुपये है। उनके पिता दिलीप खेडकर के पास 40 करोड़ की संपत्ति है। उन्होंने चुनावी हलफनामे में खुद यह जानकारी दी थी।
ऑडी कार ने खड़े किए सवाल
रिपोर्ट्स के अनुसार, UPSC को दिए गए हलफनामे में खेडकर ने दावा किया कि वह दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार हैं। हालांकि, वह अब निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का चिह्न लगाकर घूमने को लेकर सवाल में घिरी हैं।
IAS पूजा खेडकर विवादों में क्यों हैं?
पूजा पुणे में सहायक कलेक्टर के पद पर तैनाती मिलते ही खास मांगों को लेकर विवादों में घिर गईं। आरोप है कि पूजा ने तैनाती लेने से पहले ही कार, आवास, कर्मचारी और अलग कमरे के लिए बार-बार दबाव बनाया, जबकि प्रोबेशन पर यह सुविधाएं नहीं मिलती। जिलाधिकारी ने इसकी शिकायत मुख्य सचिव से की, जिसके बाद उनका तबादला वाशिम हो गया। उनके विकलांगता और OBC प्रमाणपत्र को लेकर भी जांच शुरू है। उन्होंने खुद को नॉन-क्रीमी लेयर बताया था।