पंजाब सरकार ने फर्जी ट्रैवल एजेंटों पर कसा शिकंजा, जानिए क्या-क्या उठाए कदम
क्या है खबर?
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी के साथ ही अवैध प्रवासियों की शामत आ गई है।
अमेरिकी सरकार अवैध प्रवासियों की चुन-चुनकर वापस उनके देश भेज रही है। इस कड़ी में 3 विमानों से 332 भारतीयों को भी वापस भेजा गया है, जिनमें अधिकतर पंजाब निवासी थे।
इसके बाद अब पंजाब सरकार ने राज्य में सक्रिय फर्जी ट्रैवल ऐजेंटों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
आइए जानते हैं पंजाब सरकार ने क्या कदम उठाए हैं।
समस्या
पंजाब में सालों से सक्रिय हैं फर्जी ट्रैवल एजेंट
रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में सालों से फर्जी ट्रैवल एजेंट सक्रिय हैं। ये एजेंट राज्य के युवाओं की विदेश जाने की इच्छाओं का फायदा उठाकर उन्हें अवैध रूप से विदेश पहुंचाने के नाम पर मोटी हासिल करते हैं।
ये एजेंट पंजाब के युवाओं को छात्र वीजा, धोखाधड़ीपूर्ण विवाह और जोखिम भरे रास्तों (डंकी रूट) के जरिए विदेश पहुंचाते हैं।
बड़ी बात यह है कि विदेश जाने के दौरान पकड़े जाने पर ये ट्रैवल एजेंट पल्ला भी झाड़ लेते हैं।
कार्रवाई
पंजाब सरकार ने फर्जी ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ क्या उठाया कदम?
NDTV के अनुसार, अमृतसर में उपायुक्त (DCP) साक्षी साहनी ने सरबजीत सिंह की शिकायत मिलने के बाद पुलिस को सघन कार्रवाई के आदेश दिए। इस पर पुलिस ने 40 एजेंटों के लाइसेंस रद्द कर दिए।
इसी तरह, जालंधर जिले में 271 ट्रैवल एजेंटों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिन्होंने अपने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया था।
अनियमित गतिविधियों में संलिप्तता के संदेह में कुछ इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (IELTS) केंद्रों पर भी कार्रवाई की गई है।
छापेमारी
फर्जी ट्रैवल एजेंटों की गिरफ्तारी में जुटी पुलिस
रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब पुलिस अवैध रूप से विदेश ले जाने वाली गतिविधियों में शामिल ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सक्रिय रूप से मामले दर्ज कर रही है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी कर रही है।
इसके अलावा, उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (SDM) को ट्रैवल एजेंटों और इमिग्रेशन सलाहकारों के दस्तावेजों की जांच करने के साथ सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (SP) को किसी भी शिकायत की सूचना तुरंत DCP कार्यालय को देने के निर्देश दिए हैं।
बयान
NRI मंत्री ने दिया अहम बयान
पंजाब के NRI मंत्री कुलदीप धालीवाल ने इंडिया टुडे से कहा कि 5 से 23 फरवरी के बीच गैर-लाइसेंस प्राप्त एजेंटों के खिलाफ 17 FIR दर्ज की गई हैं। ट्रैवल एजेंटों को अब उचित रिकॉर्ड बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि उनके दस्तावेज पूरे हों।
DCP डॉ हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि भविष्य में नियमों का उल्लंघन करने वालों पर अतिरिक्त कार्रवाई करने के साथ उनका लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा।
पृष्ठभूमि
पंजाब में पिछले 3 सालों में दर्ज हुईं 3,225 FIR
पंजाब में पिछले 3 सालों में ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ 3,225 FIR दर्ज की गई हैं, जिनमें से 1,100 पंजाब मानव तस्करी रोकथाम अधिनियम, 2012 के तहत दर्ज किए हैं।
मोहाली में SAS नगर पुलिस द्वारा सबसे अधिक 398 मामले दर्ज किए गए हैं।
इसी तरह जालंधर पुलिस ने 375, होशियारपुर में 293, पटियाला में 235, लुधियाना में 228, NRI विंग में 190, अमृतसर में 188, जालंधर ग्रामीण में 141 और SBS नगर पुलिस ने 127 मामले दर्ज किए हैं।
हालात
अमेरिकी निर्वासन सूची में पंजाब सबसे ऊपर
सरकारी सूत्रों के अनुसार, अमेरिका से निर्वासित होने वाले भारतीयों में सबसे बड़ी संख्या पंजाबियों की है। निर्वासित भारतीयों को लेकर तीन उड़ानें 5 फरवरी, 15 फरवरी और 16 फरवरी को अमृतसर पहुंचीं।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत लौटे 332 लोगों में से 126 यानी 37.95 प्रतिशत पंजाब से ही थे।
बता दें कि पंजाब से अवैध आव्रजन बड़ी समस्या रही है। फर्जी एजेंट 25-30 लाख रुपये लेने के बाद लोगों को 'डंकी रूट' से विदेश ले जाते हैं।
सवाल
क्या होता है 'डंकी रूट'?
पंजाब के फर्जी एजेंट लोगों से पैसा लेने के बाद भी उन्हें कानूनी रूप से ले जाने की जगह जोखिम भरे नेटवर्क से फर्जी वीजा के जरिए विदेश भेजते हैं। आमतौर पर इस प्रक्रिया को 'डंकी रूट' कहा जाता है।
'डंकी रूट' उस मार्ग को संदर्भित करता है जहां प्रवासी विभिन्न देशों में कई बार रुकते हैं। अक्सर पनामा, कोस्टा रिका, अल साल्वाडोर और ग्वाटेमाला जैसे मध्य अमेरिकी देशों से गुजरते हुए पैदल ही अमेरिका में प्रवेश करते हैं।
परेशानी
खतरों से भरा होता है 'डंकी रूट'
'डंकी रूट' खतरों से भरा होता है और इसके जरिए जाने वालों को अक्सर जबरन वसूली, अपहरण और यौन उत्पीड़न का भी सामना करना पड़ता है।
चैरिटी डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के अनुसार, इस तरह के मामलों में सैकड़ों महिलाएं रेप का शिकार हो चुकी हैं।
इसके अलावा, संबंधित देश में प्रवेश करने में विफल रहे लोगों को वहां की पुलिस गिरफ्तार कर वापस उनके देश पहुंचा देती है। इस दौरान उन्हें पुलिस की प्रताड़ना भी सहनी पड़ती है।