पुणे हादसा: नाबालिग आरोपी का पिता गिरफ्तार, लड़के पर बालिग की तरह चल सकता है मुकदमा
क्या है खबर?
पुणे में नाबालिग द्वारा पोर्श कार से 2 लोगों को टक्कर मारने के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है और नाबालिग पर भी बालिग की तरह मुकदमा चलाने की तैयारी की जा रही है।
बता दें कि इस हादसे में बाइक सवार युवक-युवती की मौत हो गई थी। आरोपी को मामूली शर्तों के साथ जमानत मिलने पर खूब आलोचना भी हो रही थी।
पुलिस
हाई कोर्ट से अनुमति मांगेगी पुलिस
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी का पिता विशाल FIR दर्ज होने के बाद फरार हो गया था। क्राइम ब्रांच ने विशाल को आज सुबह छत्रपति संभाजीनगर से गिरफ्तार किया है। विशाल को दोपहर तक पुणे लाया जाएगा।
पुणे शहर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने इसकी जानकारी दी है। पुलिस ने कहा कि वे 17 वर्षीय किशोर के खिलाफ वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने के लिए हाई कोर्ट से अनुमति लेंगे।
बयान
क्या बोली पुलिस?
अमितेश कुमार ने कहा, "आरोपी पर एक वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए। इसके लिए पुलिस ने ऊपरी अदालत से अनुमति मांगी है। आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। हमने अदालत (बोर्ड) के समक्ष एक आवेदन दायर किया था, जिसमें किशोर पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने और उसे निगरानी गृह में भेजने की अनुमति मांगी थी।"
परिवार
पीड़ित परिवार ने आरोपी को बताया 'मानव बम'
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे में मारे गए अनीश अवधिया के चाचा अखिलेश अवधिया ने नाबालिग आरोपी को 'मानव बम' कहा।
उन्होंने कहा, "नाबालिग पर लगाई गई जमानत की शर्तें हास्यास्पद हैं। नए अधिनियम के अनुसार सजा 7 साल होनी चाहिए। कक्षा 5 के छात्रों को भी ये पढ़ाया जाता है। वो 3 करोड़ रुपये की कार चला रहा था। वो एक बड़े कारोबारी का बेटा है, इसलिए रिहा कर दिया गया।"
मामला
क्या है मामला?
19 मई को पुणे के कल्याणी नगर में रात ढाई बजे पोर्श कार चला रहे एक नाबालिग ने बाइक पर जा रहे एक महिला और पुरुष को टक्कर मार दी थी।
बाइक सवार दोनों लोग मध्य प्रदेश के थे और पुणे में नौकरी करते थे। घटना में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
बाद में कार बेकाबू होकर एक दूसरी गाड़ी को टक्कर मारते हुए रैलिंग से टकरा गई थी।
जमानत
आरोपी को मामूली शर्तों पर मिल गई थी जमानत
किशोर न्याय बोर्ड (JJB) ने आरोपी को मामूली शर्तों पर केवल 15 घंटे के भीतर जमानत दे दी थी। कोर्ट ने नाबालिग से 'सड़क हादसे और उनके उपाय' विषय पर निबंध लिखने और 15 दिन तक पुलिस के साथ काम करने को कहा था।
आरोपी को शराब छुड़ाने के लिए डॉक्टर से इलाज कराने को भी कहा गया था। सोशल मीडिया पर इस फैसले की खूब आलोचना हो रही थी।