
उत्तराखंड: उत्तरकाशी में आपदा पीड़ितों को 5 लाख की जगह मिले 5,000 रुपये, किया विरोध प्रदर्शन
क्या है खबर?
उत्तराखंड सरकार की कथनी और करनी में बड़ा अंतर सामने आया है। गत 5 अगस्त को उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने से बड़ा नुकसान हुआ था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीड़ितों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की थी। हालांकि, अब जिला प्रशासन ने पीड़ितों को महज 5,000-5,000 रुपये के चेक थमा दिए। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने चेक लेने से इनकार करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
आरोप
ग्रामीणों ने सरकार पर लगाया नुकसान को कम आंकने का आरोप
उत्तरकाशी जिला प्रशासन की ओर से शनिवार को धराली और हर्षिल गांव के पीड़ितों को 'तत्काल राहत' के नाम से 5,000-5,000 रुपये के चेक वितरित किए थे। हालांकि, ग्रामीणों ने यह कहते हुए चेक लेने से इनकार कर दिया कि आपदा से हुई भारी तबाही के मद्देनजर यह राशि अपर्याप्त है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार पर उनके नुकसान को कम करके आंकने का आरोप लगाते हुए नारोबाजी भी की।
सफाई
उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने दी यह सफाई
ग्रामीणाें के विरोध को देखते हुए उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने मामले में सफाई दी है। जिला कलक्टर प्रशांत आर्य ने सरकार के कदम का बचाव करते हुए कहा कि 5,000 रुपये की यह राशि सिर्फ एक अंतरिम उपाय है। पूरे नुकसान का आकलन करने और विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के बाद पीड़ितों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। इस बीच, रविवार को भी बचाव कार्य जारी रहा। हेलीकॉप्टरों से फंसे हुए ग्रामीणों को खाने के पैकेट वितरित किए गए।
पृष्ठभूमि
कब हुई थी घटना?
धराली गांव में 5 अगस्त की दोपहर 1:45 बजे बादल फट गया था। खीर गंगा नदी में बाढ़ से 34 सेकेंड में गांव जमींदोज हो गया था। इस घटना में अब तक 5 मौतों की पुष्टि हो चुकी है। 100-150 लोग लापता हैं, जिनमें भारतीय सेना के 9 जवान भी शामिल हैं। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री धामी ने जान गंवाने वाले और पूरी तरह अपना घर खोने वालों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की थी।
जानकारी
आजीविका पुनरुद्धार योजना तैयार करने का काम जारी
मुख्यमंत्री धामी ने हादसे के बाद राजस्व सचिव की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय समिति को लोगों के लिए पुनर्वास और आजीविका पुनरुद्धार योजना तैयार करने का काम सौंपा था। इस समिति को एक सप्ताह में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपनी है।