देश के नाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का संबोधन, कहा- कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई है चुनौती
क्या है खबर?
देश के 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के नाम अपना संबोधन दिया।
उन्होंने देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी और कहा कि यह अत्यंत हर्ष और उल्लास का दिन है।
इस दौरान उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की सराहना की तो कोरोना वायरस महामारी को लेकर भी बड़ी बात कही।
आइये, उनके संबोधन की बड़ी बातें जानते हैं।
गणतंत्र दिवस
"एकता के सूत्र में बांधने वाली भारतीयता के गौरव का उत्सव"
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "गणतन्त्र दिवस उन महानायकों को याद करने का अवसर है जिन्होंने स्वराज के सपने को साकार करने के लिए अतुलनीय साहस का परिचय दिया तथा उसके लिए देशवासियों में संघर्ष करने का उत्साह जगाया।"
उन्होंने कहा, "गणतंत्र दिवस हम सबको एकता के सूत्र में बांधने वाली भारतीयता के गौरव का उत्सव है। सन 1950 में आज ही के दिन हम सब की इस गौरवशाली पहचान को औपचारिक स्वरूप प्राप्त हुआ था।"
नया भारत
आज उभर रहा है नया भारत- कोविंद
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "हमारे संविधान की प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समानता जैसी बुनियादी बातें लिखी हैं। मूल अधिकार औऱ मूल कर्तव्यों को भी इसमें उल्लेखित किया गया है। ये दोनों ही एक सिक्के के दो पहलू हैं। आज नया भारत उभर रहा है। यह सशक्त और संवेदनशील भारत है।"
उन्होंने कहा, "दो दिन पहले हमने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती पर उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया है। वह सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।"
चुनौती
"कोरोना महामारी अभी भी बनी हुई है चुनौती"
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "कोरोना महामारी में अनगिनत परिवार, भयानक विपदा के दौर से गुजरे हैं। इस पीड़ा को व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं, लेकिन एकमात्र सांत्वना इस बात की है कि बहुत से लोगों की जान बचाई जा सकी है।"
उन्होंने कहा, "कोरोना महामारी अभी भी एक चुनौती बनी हुई है और इसका व्यापक स्तर पर प्रभाव बना हुआ है। ऐसे में हमें सतर्क रहते हुए बचाव के तरीकों में ढील नहीं देनी चाहिए।"
बयान
राष्ट्रपति कोविंद ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी जताई खुशी
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "मुझे प्रसन्नता है कि विश्व में सबसे ऊपर की 50 'इनोवेटिव इकॉनोमीज़' में भारत अपना स्थान बना चुका है। यह उपलब्धि और भी संतोषजनक है कि हम व्यापक समावेश पर जोर देने के साथ-साथ योग्यता को बढ़ावा देने में सक्षम हैं।"
प्रेरणा
ओलंपिक पदक विजेताओं ने किया देशवासियों को प्रेरित- कोविंद
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "पिछले साल ओलंपिक खेलों में हमारे खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन से लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। उन युवा विजेताओं का आत्मविश्वास आज लाखों देशवासियों को प्रेरित कर रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "हाल के महीनों में हमारे देशवासियों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिबद्धता और कर्मठता से राष्ट्र और समाज को मजबूती प्रदान करने वाले कई उल्लेखनीय उदाहरण पेश किए हैं। ये देश के लिए उपलब्धि हैं।"
सीख
"जीवन की दौड़ में आगे निकलने वाले अपनी जड़ों को रखें याद"
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "भारत के जो लोग अपने परिश्रम और प्रतिभा से जीवन की दौड़ में आगे निकल सके हैं उनसे मेरा अनुरोध है कि अपनी जड़ों को यानी अपने गांव-कस्बे-शहर को और अपनी माटी को हमेशा याद रखें।"
उन्होंने कहा, "आज, हमारे सैनिक और सुरक्षाकर्मी देशाभिमान की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। हमारे सशस्त्र बल और पुलिसकर्मी देश की सीमाओं की मुस्तैदी से रक्षा कर रहे हैं, ताकि सभी देशवासी चैन की नींद सो सकें।"